प्रोफेसर सतीश राय,

 

दुनिया का प्रतिष्ठित व पुराना लोकतंत्र सं.रा.अमेरिका में आज विचित्र मुकाम पर खड़ा है। प्रेसिडेंट ट्रंप के मुकाबले अमेरिकी चुनाव के इतिहास में सर्वाधिक वोट पाने वाले डेमोक्रेट प्रत्याशी जो वाइडेन अभी तक चुनाव जीत नहीं सके हैं और जीत में अभी कसर बाकी है। गिनती जारी है, लेकिन प्रेसिडेंट ट्रंप हार की संभावना पचा नहीं पा रहे हैं। ट्रंप मतगणना के खिलाफ अदालत की ड्योढ़ी पर पहुंच गये हैं और उनके समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर वाइडेन समर्थक भी सड़क पर नाच गा कर प्रतिवादात्मक प्रदर्शन कर रहे हैं। शायद इतनी संकीर्ण हार जीत का का चुनावी संघर्ष भी अपूर्व रहा है। ट्रंप की शिकायत और नाराजगी डाक से डाले गये मतों को लेकर है, खासकर पेन्सिलवेनिया प्रांत की गणना में।

डाक से वोटिंग का अधिकार अमेरिका में से और कोविड खतरे के काल में उसका ज्यादा संख्या में प्रयोग भी लाजिमी कहा जायेगा। अमेरिका एक पूर्ण आइडियल फेडरल स्टेट है, जहां प्रान्तों के भी अपने अपने कानून होते हैं और उनमें लाजिमी तौर पर भिन्नता भी होती है। पेन्सिलवेनिया स्टेट का कानून यह है कि यदि मतदाता ने यदि मतदान अवधि के भीतर अपना वोट पोस्ट किया है और उस पर अंतिम मतदान तिथि की डाक की मुहर लगी हुई है, तो वह वोट देर से भी पहुंचे तो भी उसे गिना जायेगा। जीतने की उम्मीद के विरुद्ध हार के निकट ले जा चुके चुनाव की मतगणना से ट्रंप और उनके समर्थकों का गुरेज इसी बात को लेकर है, जिस पर वह अदालत में मतगणना रुकवाने की अपील लेकर गये हैं। अब सवाल यह उठता है कि कोई कानून यदि अस्तित्व में है, तो वह चुनावी प्रक्रिया के इस मुकाम पर अवैध कैसे हो सकता है ? उसे अनुचित समझा जा रहा है, तो पहले ही चुनौती दी जानी चाहिये थी।

कुछ लोग कह रहे हैं कि ट्रूप ने प्रेसिडेंट के रूप में सुप्रीम कोर्ट में चार न्यायधीश नियुक्त किये थे, जिनमें शायद तीन न्यायधीश इसमें बैठेंगे, पर अमेरिकी न्यायपालिका शायद इतने हल्के चरित्र की तो नहीं रही है। फिलहाल मतगणना तो जारी है, जो रात होने पर रोक दी जाती है। इस स्थिति में भारत के शुक्रवार और अमेरिका के गुरुवार को ही मतगणना किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की संभावना है। फिलहाल स्थिति यह है कि ह्वाइट हाउस में ट्रंप के टिके रहने या वाइडेन के पहुंचने के लिये 270 इलेक्टोरल वोट की जरूरत है और वाइडेन 264 तथा ट्रंप 214 पर खड़े हैं। चुनावी इतिहास में सदा पेन्सिलवेनिया जीतने वाले चुनाव भी जीतते रहे और ऐसे महत्वपूर्ण प्रांत पेन्सिलवेनिया में अभी तक ट्रंप की ही बढ़त है, लेकिन कुल मिलाकर जो उनसे वाइडेन आगे हैं। देश दुनिया की निगाहें टिकी हैं कि “अबकी बार ट्रंप सरकार” या “अबकी बार ट्रंप की हार”।

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