डॉ दिलीप अग्निहोत्री

अयोध्या के प्रति दुनिया के करोड़ो लोगों की आस्था है। लेकिन इसको विश्व स्तरीय पर्यटन तीर्थाटन केंद्र के रूप में विकसित करने के पहले प्रयास नहीं किये गए। यह नगरी उपेक्षित ही थी। शायद जन्मभूमि पर मंदिर के विध्वंश के बाद एक प्रकार यहां उदासी भी थी। योगी आदित्यनाथ के दीपोत्सव व विकास कार्यों से यहां उत्साह का संचार शुरू हुआ था। मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन से अयोध्या की उदासी पूरी तरह दूर हुई है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार अयोध्या को विश्व पटल पर पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित कर रही है। इस वर्ष दीपोत्सव 05 लाख 51 हजार दीये प्रज्ज्वलित किए जा रहे हैं। अगले वर्ष 07 लाख 51 हजार दीये प्रज्ज्वलित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

राज्य सरकार ने राम की पैड़ी को अविरल और निर्मल बनाने का कार्य किया है। साथ ही, राम की पैड़ी का विस्तार भी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से पांच शताब्दी की लम्बी अवधि के उपरान्त प्रभु श्रीराम के भव्य मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के भूमि पूजन के बाद यह पहला दीपोत्सव आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश में रामायण, कृष्ण सहित विभिन्न आध्यात्मिक सर्किटों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।अयोध्या में पंचकोसी,चैदहकोसी और चैरासीकोसी परिक्रमा के लिए मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। वर्तमान सरकारों ने अयोध्या व प्रयागराज को वैष्विक पहचान दिलायी है। अयोध्या को दुनिया की सबसे उत्कृष्ट नगरी में विकसित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। राजर्षि दषरथ मेडिकल काॅलेज, अयोध्या पूर्णता की ओर अग्रसर है। भगवान श्रीराम के नाम पर अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले समय में अयोध्या को वैदिक सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। भगवान श्रीराम जहां जहां गए थे, उन स्थलों को विकसित किया जाएगा।तुलसीदास जी की जन्मस्थली लालापुर का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा।

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