अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)

 

अपनी ही कठपुतली के साथ फिल्म ‘लूडो’ में किया आदित्य ने काम!

फिल्म मेकर अनुराग बसु की हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई फिल्म ‘लूडो’ को काफी सराहा जा रहा है। इस फिल्म में अभिनेता आदित्य रॉय कपूर को बोलती कठपुतली की कला से स्टैंड अप कॉमेडी का मंचन करते हुए दिखाया गया है। इसमें जो कठपुतली है वह हूबहू आदित्य की तरह है। यह कमाल कर दिखाया है भारत के सुप्रसिद्ध वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये और उनके प्रतिभाशाली बेटे सत्यजीत पाध्ये ने। उन्होंने 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके हूबहू आदित्य रॉय कपूर की तरह दिखनेवाली कठपुतली डिज़ाइन की है। इस तरह अपनी खुद की कठपुतली हो आदित्य पहले ऐसे बॉलीवुड अभिनेता बन गए हैं।

वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये के अनुसार  “अनुराग बसु जानते थे कि हम हूबहू कठपुतलीयाँ बना सकते हैं। संदर्भ के लिए कुछ हमने बनाई कठपुतलियाँ उन्हें दिखायीं।उनपर हमने जिस बारीकी से काम किया था, वह अनुराग को पसंद आया।“

बता दें कि जानेमाने वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये पिछले 53 वर्षों से इस कला के क्षेत्र में हैं। उन्हें बोलती कठपुतलीयों में विशेषज्ञता हासिल है। उनके संग्रह में लगभग 2200 कठपुतलियाँ हैं। उनके बेटे सत्यजित पाध्ये भी वेंट्रिलोक्विस्ट हैं। वह इंडियाज गॉट टैलेंट, ‘केबीसी’, ‘बिग बॉस’ जैसे कई लोकप्रिय शो में देखे गये हैं।

सत्यजीत बताते हैं कि , ” आदित्य की 3डी कठपुतली बनाते वक्त पहले हमने उनका 3 डी स्कैन किया। जिसके बाद आदित्य की 3 डी छवियों को कैप्चर किया और फिर छवियों को संसाधित करके एक कठपुतली बनाई। आदित्य की कठपुतली बनाते वक्त उनकी हेयरस्टाइल और उनकी नाक उनकी विशेषताएं थीं,जिस पर ज्यादा तव्वज्जो दी गयी। कठपुतली बनाने के बाद अब असली चुनौतीपूर्ण पायदान थी क्योंकि उन्हें कठपुतली के मुंह, भौंहों और पलकों को हिलाना पड़ता था। जहां अनुभवी रामदास पाध्ये की विशेषज्ञता काम आयी।”

आदित्य को उनके रोल के लिए दी गई  ट्रेनिंग के बारे में सत्यजित बताते हैं कि  “ आदित्य ने कला सीखने में काफी दिलचस्पी दिखाई। वेंट्रिलोक्विस्ट बनने की तकनीक आदित्य बहुत जल्द सीख गये। मैं भी शूटिंग के दौरान उनकी सहायता करने के लिए मौजूद था। लेकिन मुझे कहते हुए बेहद अच्छा लग रहा है कि उन्होंने अपना किरदार बेहद संजीदगी से निभाया है।“

आदित्य रॉय कपूर ने सत्यजीत को फिल्म के बाद मैसेज करते हुए कहा कि, “इस फिल्म के मेरे किरदार की तैयारी में आपकी मदद के लिए धन्यवाद।आपसे यह सुंदर कला सीखना वास्तव में अद्भुत अनुभव था। आशा है कि आपके पिताजी (रामदास पाध्ये जी) को मेरा परफॉर्मन्स पसंद आयेगा।”

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