अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)

 

* नीरज पांडे और शीतल भाटिया के प्रोडक्‍शन हाउस फ्राइडे स्‍टोरीटैलर्स द्वारा निर्मित, राघव जयरथ द्वारा निर्देशित डाक्‍यूमेंट्री में मनोज वाजपेयी सूत्रधार की भूमिका में होंगे

 

“कालः पचति भूतानि, कालः संहरते प्रजाः, कालः सुप्तेषु जागर्ति, कालो हि दुरतिक्रमः”

यह संस्कृत श्लोक  मानता है कि समय  शाश्वत है और कोई भी या कुछ भी समय की  प्रक्रिया से बच नहीं  सकता है। डिस्‍कवरी+ की आने वाली एतिहासिक  डाक्‍यूमेंट्री एक ऐसे  रहस्‍य के बारे में है जो समय के साथ दफ़न हो गया है और एक बार फिर समय के द्वारा ही इसे उजागर किया जाएगा। भारत का पहला और अग्रणी रियल लाइफ एंटरटेनमेंट स्ट्रीमिंग  ऐप डिस्कवरी+,  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सहयोग से, सदी के सबसे  अधिक ऐतिहासिक रूप से प्रासंगिक वृत्तचित्रों में से एक को 9 फरवरी को लॉन्च करने के लिए  तैयार है, जिसका  शीर्षक है ”सीक्रेट्स ऑफ  सिनौली: डिस्कवरी ऑफ द सेंचुरी’।

प्रशंसित बॉलीवुड निर्देशक नीरज पांडे और फ्राइडे स्टोरीटैलर्स बहुमुखी प्रतिभा के धनी और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता भारतीय फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी की आवाज में अपनी पहली डॉक्यूमेंट्री ‘सीक्रेट्स ऑफ सिनौली:  डिस्कवरी ऑफ द सेंचुरी’ को प्रस्तुत कर रहे हैं, जो सिनौली शहर में खुदाई के पीछे के छिपे रहस्यों को उजागर करती है। फ्राइडे स्टोरीटैलर्स के राघव जयरथ द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री खोज के प्रत्येक चरण, कलाकृतियों और इस खोज के साथ हर स्‍तर पर शामिल लोगों को दर्शाती है।

भारत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत जिले में स्थित एक पुरातात्विक स्थल- सिनौली, भारत में ताम्रपाषाण काल (2000 ईसा पूर्व और 700 ईसा पूर्व के बीच) का सबसे बड़ा कब्रिस्‍तान माना जा रहा है। सिनौली में उत्खनन के दौरान की गई खोजों पर खूबसूरती से तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री 4000 साल पुराने रथ, तांबे के हथियारों और योद्धाओं की कब्रों को प्रस्तुत करती है। रथ तांबे से जड़े हुए हैं और यह माना जाता है कि यह एशिया में रथ के अभी तक खोजे गए प्राचीनतम भौतिक साक्ष्य हैं जो अस्तित्‍व में हैं। इसके अलावा, वहाँ ढाल, धनुष और तीर, भाले, तलवार, हेलमेट, कुल्हाड़ी और अन्य तांबे के हथियार भी हैं जो कब्रिस्‍तानों से निकाले गए हैं।

क़ब्रों में तलवारें क्यों रखी गईं? क्या पश्चिमी देशों ने भारतीय इतिहास को गलत रूप में प्रस्‍तुत किया? इन तलवारों और रथों का संबंध किन लोगों से था? क्‍योंकि इतिहाकार और पुरातत्‍वविद इस पौराणिक कथा की ऐतिहासिकता पर फिर से बात कर रहे हैं और इतिहास के घटनाक्रम की पुन: कल्‍पना कर रहे हैं इसलिए प्राचीन भारत में युद्धों के बारे में कई सिद्धांतों और सवालों को उठाते हुए, ‘सीक्रेट्स ऑफ सिनौली: डिस्‍कवरी ऑफ द सेंचुरी’ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कुछ विशेषज्ञों को प्रस्‍तुत करती है। सिनौली में नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए यह महत्वपूर्ण खोज हमारे देश के इतिहास के बारे में कई गलत धारणाओं को ठीक करेगी।

नीरज पांडे ने कहा कि – “सीक्रेट्स ऑफ सिनौली: डिस्‍कवरी ऑफ द सेंचुरी इतिहास,  विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पौराणिक कथाओं का मिश्रण है। भारत अपनी समृद्ध संस्कृति और विविध विरासत के लिए जाना जाता है। वास्‍तव में अपने इतिहास के नए तथ्यों की खोज करने और उन्‍हें उजागर किए जाने की बात ने मुझे इस परियोजना के बारे में उत्साहित किया है”।

मनोज वाजपेयी ने कहा कि  “इतिहास की व्याख्या अक्सर समय के माध्यम से अलग-अलग तरीकों से की जाती है, इसलिए सिनौली जैसी महत्वपूर्ण खोजें हमें हमारे अतीत और हमारी संस्कृति को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती हैं। “सीक्रेट्स ऑफ सिनौली: डिस्‍कवरी ऑफ द सेंचुरी की मेजबानी का अवसर मेरे लिए एक अनूठा और सीखने का अनुभव रहा है और इसके लिए मैं वास्तव में डिस्‍कवरी+ और नीरज पांडे के फ्राइडे स्‍टोरी टैलर्स का शुक्रगुजार हूं। यह डॉक्यूमेंट्री महत्वपूर्ण प्राचीन रथों की खोजों और खुदाई से प्राप्‍त विभिन्‍न कलाकृतियां पर कुछ ऐतिहासिक रहस्योद्घाटन करती है जो भारत के उस समय से संबंध रखते हैं जो बहुत अधिक गौरवमयी है”।

आईजैक जॉन  डायरेक्ट-टू कंज्यूमर हेड  एपीएसी-डिस्कवरी  कहते हैं -“सीक्रेट्स ऑफ सिनौली:  डिस्‍कवरी ऑफ द  सेंचुरी हमारे दर्शकों के ज्ञान में वृद्धि  करेगी और उन्हें भारतीय इतिहास की एक ऐसी यात्रा पर ले जाएगी जिसके बारे में अब तक बात नहीं  हुई है।”

*सीक्रेट्स ऑफ सिनौली: डिस्‍कवरी ऑफ द सेंचुरी, 9 फरवरी से  डिस्‍कवरी+ पर देखा जा सकता है।

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