डॉ दिलीप अग्निहोत्री

पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी बुखार की त्रासदी चार दशकों से चल रही थी। गोरखपुर के सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ तत्कालिक राज्य सरकारों के समक्ष लगातार यह समस्या उठाते रहे। लोक सभा में भी वह यह मुद्दा उठाते थे। एक बार तो वह इस पर चर्चा करते हुए बहुत भावुक हो गए थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस समस्या के समाधान हेतु प्रभावी कदम उठाए। पिछले दिनों उन्होंने लखनऊ में जेई टीका अर्थात जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण का एक विशेष अभियान प्रारम्भ किया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के अड़तीस जनपदों में दिमागी बुखार के मामले आते थे। आज इस बीमारी को अंतिम चरणों में पूरी तरह से नियंत्रण करने की ओर अग्रसर हुए हैं। पिछले चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने इस बीमारी पर पचहत्तर प्रतिशत और मृत्यु दर में पंचानबे प्रतिशत नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त की है। शीघ्र ही इस बीमारी पर पूर्ण नियंत्रण पा लिया जाएगा। इसे नियंत्रित करने में यूनीसेफ, डब्ल्यूएचओ और दुनिया की तमाम अन्य संस्थाओं ने प्रदेश सरकार के साथ सहयोगी बनकर इस कार्यक्रम को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

स्व्च्छता अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्व्च्छता अभियान शुरू किया था। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। इस संबन्ध में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विषाणु जनित बीमारियां सामान्यतः खुले में शौच,गंदगी व पेयजल से होती हैं। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। क्योंकि इससे अब बीमारियां फैलने पर काफी नियंत्रण हुआ है। अब जल जीवन मिशन योजना के माध्यम से हर घर नल योजना क्रियान्वित की गई है। गांवों में सामुदायिक शौचालय बन रहे हैं, जिसमें गांव की ही महिला को रोजगार दिया जा रहा है। व्यापक स्तर पर स्वच्छता के कार्य हुए हैं। बीमारी के उपचार से महत्वपूर्ण बचाव है और बचाव के लिए जो भी उपाय हो सकते हैं,उसमें संचारी रोग नियंत्रण का यह कार्यक्रम उस अभियान की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

आरोग्य व आयुष्मान

आरोग्य मेला योगी आदित्यनाथ का अभिनव प्रयोग है। इसके माध्यम से ग्रामीण व सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आरोग्य मेले में अनेक प्रकार की जांचें होती हैं। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी विशेषज्ञ चिकित्सकगण आते हैं। यहां पर स्वास्थ्य के साथ साथ परिवार कल्याण के बारे में, पोषण और स्वास्थ्य की जागरूकता के बारे में भी अनेक प्रकार के कार्यक्रम संचालित होते हैं। आयुष्मान भारत के माध्यम से पांच लाख रुपये तक चिकित्सा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसमें गोल्डन कार्ड बनवाने के साथ ही अन्य जरूरी जानकारी नागरिकों को दी जाती है। मिशन इंद्रधनुष, खुशहाल परिवार दिवस, मातृत्व वंदना दिवस से जुड़कर महिलाओं, बच्चों, परिवार को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

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