ट्रेलर लॉन्च कर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कलाकारों को दी थी शुभकामनाएं…
अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ )
पुलवामा आतंकी हमले के जख्म को अभी तक कोई नहीं भूला है। इसी हमले को केंद्र में रखकर बनाई गई बॉलीवुड की एक बेहतरीन फिल्म ‘फौजी कॉलिंग’ 12 मार्च को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज की जा रही हैै। बता दें कि इस फ़िल्म का ट्रेलर गत 25 जनवरी को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथों रिलीज हुआ था।
रनिंग हॉर्सेस फिल्म्स, ओवेज़ प्रोडक्शन के बैनर तले बनी एवं आर्यन सक्सेना द्वारा निर्देशित इस फिल्म का तानाबाना पुलवामा आतंकी हमले के इर्दगिर्द बुना गया है। यह एक ऐसी बच्ची की कहानी है जो अपने फौजी पिता के घर लौट आने का इंतजार कर रही है।
लेखक-निर्देशक आर्यन सक्सेना फिल्म के माध्यम से यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पुलवामा जैसे आतंकी हमलों में न सिर्फ देश के सैनिकों की जिंदगी प्रभावित होती है, बल्कि ऐसे हमलों में शहीद हुए सैनिकों के परिवार और उनके प्रियजनों की जिंदगी भी तहस-नहस हो जाती है। फिल्म की स्टारकास्ट देशभर में फौजी कॉलिंग का प्रमोशन कर रही है।
फिल्म के प्रोड्यूसर भीनमाल के मूल निवासी अनिल कुंदनमल जैन ने बताया कि इस फ़िल्म की कहानी बेहद मार्मिक एवं दिल को छूने वाली है। फौजी कॉलिंग के जरिये हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आतंकी हमले सिर्फ एक सैनिक को ही शहीद नहीं करते बल्कि उसका परिवार भी निष्प्राण हो जाता है। उसके अपने पथरा जाते हैं। देशभर के लोगों को इस फिल्म को जरूर देखना चाहिए।
बता दें कि हीरोपंती में टाइगर श्रॉफ के सह-कलाकार रह चुके रांझा विक्रम सिंह फिल्म में लीड रोल में हैं। वहीं बिदिता बाग फौजी की पत्नी का किरदार निभा रही हैं। फौजी पिता का इंतजार करती बच्ची की भूमिका निभा रही है बेबी माही सोनी। शरमन जोशी, मुग्धा गोडसे, जरीना बहाव और सिद्धी अनिल जैन ने इस फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
* भीनमाल की नन्हीं परी फ़िल्म में दिखा रही है अभिनय का जलवा !
राजस्थान में भीनमाल के मूल निवासी एवं इस फिल्म के प्रोड्यूसर अनिल कुंदनमल जैन की बेटी सिद्धी जैन फिल्म में फौजी की बेटी का किरदार निभा रही है। सिद्धि जैन ने भले ही इस फिल्म से डेब्यू किया है लेकिन उसके अभिनय में गजब की धार है। राजस्थान रजवाड़ों के साथ ही कलाकारों की भी भूमि है, यह सिद्धी जैन ने सिद्ध कर दिया है। उसकी अभिनय क्षमता को देखकर एक ही बात कही जा सकती है कि ‘पूत के पैर पालने में ही दिखाई दे रहे हैं।’