डॉ दिलीप अग्निहोत्री
विगत चार वर्षों के दौरान यूपी के जिन क्षेत्रों में उल्लेखनी प्रगति हुई,उसमें विद्युत व्यवस्था भी शामिल है। इसके पहले कई दशकों से प्रदेश बिजली की भारी किल्लत का सामना कर रहा है। घोषित अघोषित बिजली कटौती दिनचर्या में शामिल थी। इससे जहां लोगों को परेशानी होती थी,वहीं उद्योग व कृषि कार्य भी बाधित रहते है। स्तानीय उद्योग तो बंदी की कगार पर पहुंच चुके थे। बिजली व्यवस्था में सुधार के वादे दावे बहुत हुए लेकिन इनके परिणाम दिखाई नहीं दिए। योगी आदित्यनाथ ने इस ओर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने निवेश एक जिला एक उत्पाद योजनाएं लागू करने से पहले बिजली व्यवस्था सुधारने का कार्य किया। योगी आदित्यनाथ का मानना था कि पर्याप्त बिजली आपूर्ति के बिना औद्योगिकरण का दावे बेमानी होंगे। इसके लिए उन्होंने कार्य योजना बनाई। इसके क्रियान्वयन से उल्लेखनीय सुधार हुआ।
जन आकांक्षाओं के अनुरूप
गांव व शहर सभी जगह लोग पर्याप्त बिजली आपूर्ति की कामना करते है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। राज्य सरकार की इसी प्रतिबद्धता का परिणाम है कि पिछले चार वर्ष के दौरान प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने बेहतर कार्य संस्कृति को अपनाकर लोगों को निर्बाध बिजली देने का कार्य किया है। लोकार्पित शिलान्यास की गयी परियोजनाओं से प्रदेश की सभी कमिश्नरियों को इसका लाभ मिलेगा। जिससे जनता को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
निर्बाध विद्युत आपूर्ति ने किसानों की लागत को कम करते हुए कृषि उत्पादन बढ़ाने में योगदान दिया है। प्रदेश में एक लाख इक्कीस हजार से अधिक ग्रामों व मजरों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। एक करोड़ अड़तीस लाख परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। ऊर्जा विभाग द्वारा टोल फ्री नम्बर जारी किया गया है। जिससे किसानों और उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित निस्तारण सम्भव हो रहा है।
पर्याप्त बिजली आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला मुख्यालय में चौबीस घण्टे, तहसील मुख्यालय में किरीब बाइस घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में किरीब उन्नीस घण्टे विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिना बिजली के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं से विद्युत बिल भी समय पर लेना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि गांवों में कॉमन सर्विस सेण्टर स्थापित कराये गये हैं, जिनके माध्यम से बिजली का बिल जमा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेहतर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
कोरोना काल में सुगम बिजली
मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र पावर कॉरपोरेशन ने कोरोना काल खण्ड में निर्बाध विद्युत आपूर्ति कर लोगों के जीवन को सहज बनाया। कोरोना काल खण्ड में प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कोविड हॉस्पिटल और टेलीमेडिसिन व टेलीकंसल्टेशन की सुविधा देने में इससे काफी मदद मिली, क्योंकि वहां विद्युत की आपूर्ति सम्भव हो पायी थी।
53 प्रतिशत वृद्धि
प्रदेश में स्थापित पारेषण तंत्र की अधिकतम भार वहन क्षमता पच्चीस मेगावॉट है। पिछले चार वर्ष की अवधि में इस क्षमता में तिरपन प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्तमान में लगभग इकसठ करोड़ रुपये लागत की पारेषण परियोजनाओं का कार्य पीपीपी मोड पर कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा चार केवी विभव से उच्च प्रकृति के पारेषण कार्यों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से ही सम्पादित कराये जाने का सैद्धांतिक निर्णय लिया जा चुका है। उन्होंने अपील की कि बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि सभी उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान करें। योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर उप्र पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के उन्नीस सौ बीस करोड़ रुपये की लागत के सत्ताईस पारेषण उपकेन्द्रों का लोकार्पण शिलान्यास किया।