डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

भारत में आदि काल से प्रकृति संरक्षण का विचार रहा है। योगी आदित्यनाथ उससे प्रेरणा लेते है। उनका मानना है कि अतीत से जुड़ना वर्तमान समाज के लिए आवश्यक है। त्रेता युग की वाटिका व उपवन भी वर्तमान पीढ़ी में पर्यावरण चेतना का संचार करेंगी। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में अयोध्या से चित्रकूट तक राम वन गमन मार्ग में मिलने वाली अट्ठासी वृक्ष प्रजातियों एवं वनों एवं वृक्षों के समूह का उल्लेख है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यावरण के भारतीय चिंतन को महत्व दिया। भारत की केंद्र और उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार पर्यावरण व प्रकृति संरक्ष्ण के प्रति सजग है। विगत वर्षों के दौरान इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें अनेक नए अध्याय जोड़े है। आदित्यनाथ रामवन गमन मार्ग को वन महोत्सव अभियान में शामिल करने का अभिनव कार्य करेंगे। इसके अंतर्गत इस मार्ग पर त्रेता युग कालीन वाटिकाओं की स्थापना होगी। त्रेता युग की वाटिका व उपवन भी वर्तमान पीढ़ी में पर्यावरण चेतना का संचार करेंगी। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में अयोध्या से चित्रकूट तक राम वन गमन मार्ग में मिलने वाली अट्ठासी वृक्ष प्रजातियों एवं वनों एवं वृक्षों के समूह का उल्लेख है।

वन महोत्सव के अंतर्गत योगी आदित्यनाथ ने सुलतानपुर में ग्रीनफील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने पीपल,पाकड़, बरगद, आंवला, गूलर और जामुन के पौधों का रोपण किया। एक्सप्रेस वे के किनारे स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने बरगद के पेड़ का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन अर्चन कर परिक्रमा की। वृक्षारोपण कार्यक्रम का निरीक्षण कर जायजा लिया। कहा कि वृक्षारोपण महा अभियान के तहत आज कई नये रिकॉर्ड बन रहे हैं। इनमें से एक रिकॉर्ड वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में आज सौ करोड़वां पौधा लगाने का है। इस बार तीस करोड़ से अधिक पौधों का रोपण कराया जा रहा है। विगत पांच वर्षाें में सौ करोड़ पौधों का रोपण किया गया है। योगी ने कहा कि सौभाग्य है कि आज उन्हें भारत की प्राचीन ऋषि परम्परा से सम्बन्धित पंचवटी, नवग्रह तथा नक्षत्र वाटिका के पवित्र पौधों का रोपण करने का अवसर प्राप्त हुआ। हम सभी भारत की ऋषि परम्परा की विरासत से प्राप्त पवित्र वृक्षों का रोपण कर अपनी प्राचीन परम्परा से खुद को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। ग्रीन फील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे औद्योगिक गलियारा बनने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान करेगा। प्रदेश सरकार सौ वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष के रूप में मान्यता दे र

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here