डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन

 

पिछले कई दिनों से मैं मनोवैज्ञानिक रूप से कोरोना के साथ रह रहा हूं रहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि इस समय मेरे जीवन में ऐसे लोग भी हैं जिन्हें कोरोना ने बिल्कुल छुआ ही नहीं है और जो इस बात को लेकर चिंतित भी नहीं है कि उन्हें जीवन के सारे मानक माननी चाहिए जो कोरोना को फैलाने में उन्हें बचा सकते हैं दूसरे ऐसे श्रेणी के लोग हैं जो उस मध्यावधि से होकर गुजर रहे हैं जिनके बारे में यह आशंका है कि वह कोरोना संक्रमित हो भी सकते हैं नहीं भी हो सकते हैं और तीसरी श्रेणी के लोग हैं जिनको कोरोना ने अपने पंजे में जकड़ लिया है यहां पर पंजे में झगड़ने से तात्पर्य सिर्फ इतना है कि आपके शरीर में कोरोना वायरस पहुंच चुका है बस अच्छा यह है कि कोरोना वायरस भारत में उस तीव्र अनुवांशिक रचना के साथ हमारे शरीर में नहीं है जितना दूसरे देशों में था और इसी क्रम में मैंने कल अपने एक मित्र से या संदेश प्राप्त किया कि मेरा एक अभिन्न मित्र कोरोना संक्रमण से होकर गुजर रहा है और मनोवैज्ञानिक रूप से इस समय हम मित्रों का यह दायित्व है कि हम उनसे बात करें ताकि उन्हें इस बात को सुकून मिले कि मेरे चारों ओर मेरे शुभचिंतक है मुझे यह बात सही भी लगी है क्योंकि आप सभी को मालूम है कि जब कोई बीमार व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है और जैसे ही आप की कलाई पकड़ता है आपको यह एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव अनुभव होता है कि अब मैं ठीक हो जाऊंगा और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह भी है कि एड्रेनो adreno corticotropic hormone का प्रवाह शरीर में बढ़ जाता है और जो हमारे शरीर को सुरक्षित रखने लगता है इसीलिए व्यक्ति को बीमार व्यक्तियों का हाल जरूर पूछना चाहिए फोन जरूर करना चाहिए और बेवजह की बात के बजाय कुछ हल्की फुल्की बातें करना चाहिए जिंदगी कितनी मस्त है इसके बारे में बताना चाहिए

इसी क्रम में आज जब मैंने अपने मित्र को सुबह 9:00 बजे फोन किया तो उधर से बहुत भारी आवाज आई जिसको सुनकर कोई भी जान सकता था कि व्यक्ति के गले पर प्रभाव पड़ा है मैंने उनसे बातचीत किया और उनको यह बताया कि मेरे अकेले की जिंदगी में मुझे इस बात का शक है कि करोनाने दस्तक दिया है और इसीलिए उन्हें खुशी है कि कम से कम उनके अकेले जिंदगी में कोई तो साथ रहने के लिए आने वाला है इसको सुनकर मेरे को रोना संक्रमित मित्र हंसने लगे उन्होंने कहा इतनी परेशानी और दिक्कत के समय में भी आप कैसे आनंद से बात कर रहे हैं इसमें बुराई क्या है वीर लोग होते हैं उन पर ही आक्रमण होता है यह तो कोरोना का दुर्भाग्य है कि उसने वीरों के साथ लड़ने की ढाणी है वैसे आपको कैसे पता चला कि आपको को रोना हो गया तो मित्र ने बताया कि उन्हें अपने शरीर के जोड़ों में दर्द महसूस होने लगा और यह दर्द एक-दो दिन बाद पड़ गया फिर उन्हें अल्फा हल्का बुखार आने लगा और इसी के साथ गले में खराश पड़ गई तब उन्हें ऐसा लगा कि उन्हें अपना संक्रमण की जांच करानी चाहिए।

14 जुलाई को उन्होंने अपनी जब जांच कराई तो 17 जुलाई की रिपोर्ट में वह संक्रमित निकले मैंने कहा यह तो बड़ी खुशी की बात है कि आप क्वारंटाइन का भी आनंद ले रहे हैं उन्होंने कहा हां यहां पर मुझे रहते हुए 5 दिन हो गए हैं और इसी के साथ-साथ मुझे विटामिन बी कॉन्प्लेक्स एंटी एलर्जी की टेबलेट पेरासिटामोल और काढ़ा दिया जा रहा है मैंने उनसे कहा कि मैं तो काढ़ा बहुत समय से पीता रहा हूं यही नहीं मुझे विटामिन बी कंपलेक्स पीने की क्या जरूरत है मैं तो दही में चावल मिलाकर बहुत खाता हूं दही चावल मिलाकर कुछ देर रख दीजिए तो विटामिन B12 उसमें अधिकता में पाया जाने लगता है केले में विटामिन बी सिक्स होता है और बस यही सब आप जानिए और जिंदा रहने का प्रयास कीजिए मैंने उनसे यह भी कहा कि आपको अपना ध्यान रखना चाहिए क्योंकि आपने इस देश को परिवार दिया है बच्चे दिए हैं आप इस देश के गंभीर नागरिक हैं इस पर मेरे संक्रमित मित्र हंसने लगे और उन्होंने कहा क्यों क्या आपने कुछ नहीं दिया हमने कहा मैं देना तो बहुत कुछ चाहता था पर किसी ने लिया ही नहीं और यह सुनकर मेरे संग चलने लगे मैंने कहा जरूरी है कि हम कहीं भी हो कैसे भी हो पर अपनी मित्रता को बचपन को ना भूले और बस या कहते हुए मैंने उनसे कहा अच्छा फिर आपको मैं अपनी कुछ अच्छी बातें कल सुनाऊंगा पर अभी तो कोरोना से आपका हाल बताऊंगा इसीलिए आप सबसे निवेदन है कि आप स्वस्थ रहें मस्त रहें व्यस्त रहें और अपने जीवन को बचाने का प्रयास करें जो लिखा है उसे गंभीरता से पढ़ा कि आने वाला समय आपका अच्छा हो और राष्ट्र मजबूत हो यही अखिल भारतीय अधिकार संगठन की संकल्पना है मेरी भी रिपोर्ट परसों आ ही जाएगी मुझे इसकी चिंता नहीं क्या होगा क्योंकि जो कल में छिपा है उसके लिए आज क्यों चिंतित रहे आइए थोड़ा समय हंसकर बिताते हैं किसी संक्रमित व्यक्ति को कुछ सुंदर बातें सुनाते हैं

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