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अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)
“प्रतिभा खेल जीतती है, लेकिन टीमवर्क और इंटेलिजेंस चैंपियनशिप जीतते हैं…” माइकल जॉर्डन का कथन सचमुच सही साबित हुआ है। भारतीय छात्र रोवर टीम (द्वारकादास जे. सांघवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मुंबई) के डीजेएस अंतरिक्ष ने यूरोपियन रोवर चैलेंज (ERC) 2021 (दुनिया में सबसे बड़ी अंतरिक्ष और रोबोटिक्स की प्रतियोगिता) में अपनी अविश्वसनीय उपलब्धियों व जीत के माध्यम से इस उद्धरण को सही अर्थ दिया है।
विजेता टीम के दर्शन निमेष मेहता ने ‘ टोटल समाचार ‘ को बताया कि यूरोपियन रोवर चैलेंज का स्वामित्व और समन्वय यूरोपियन अंतरिक्ष फाउंडेशन द्वारा किया जाता है जो स्वतंत्र विशेषज्ञों के एक समूह के सहयोग से आयोजित किया जाता है ।जो स्टीयरिंग और जूरी बोर्ड बनाते हैं। मार्स सोसाइटी पोलैंड कार्यक्रम का पार्टनर है। रिमोट फॉर्मूले में कुल 38 टीमों ने भाग लिया, जिनमें से फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली 20 टीमें भारत, पोलैंड, पेरू, इटली, बांग्लादेश, कोलंबिया, तुर्की, जर्मनी और यूके जैसी टीमें थीं।
डी.जे.एस. अंतरिक्ष ने दुनिया भर की प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच में पहला रैंक हासिल करनेवाली पहली एशियाई टीम बनकर एक माइलस्टोन हासिल किया है। इसके अलावा टीम ने 4 विशेष श्रेणी के पुरस्कारों में से 2 अन्य सर्वश्रेष्ठ विज्ञान पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ नेविगेशन पुरस्कार भी जीता व महामारी के कठिन समय में टीम की असाधारण उपलब्धि, कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और समर्पण द्वारा ‘अकल्पनीय को समझने’ (‘deciphering the unimaginable’) के अपने आदर्श वाक्य का एक प्रमाण भी दिया है।
टीम की नींव दिसंबर 2019 में रखी गई थी और तबसे इसने पोडियम फिनिश 3 अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण प्रतियोगिताओं (ERC 2020, IPASC 2021, ERC 2021) में हासिल किया है। टीम में 28 स्नातक अंतरिक्ष उत्साही शामिल हैं और इसमें 8 मुख्य सदस्य कप्तान रुत्विक भंगाले , वाइस कप्तान संदीप जाला, टीम मैनेजर युक्ती शाह, मेकेनिकल प्रमुख: वेदांत सिंह, मार्केटिंग प्रमुख दर्शन निमेष मेहता, इलेक्ट्रोनिक्स प्रमुख पार्श्वि दोशी, कोदिंग प्रमुख: जज़िब डावरे व विज्ञान प्रमुख हैं विशाल उमरिया।