गुरुवार को सुबह प्रदेश के करीब एक दर्जन आईएएस अधिकारियों का तबादला हुआ था। इसी क्रम में मुख्य सचिव के स्टाफ सेक्रेटरी रहे अमृत त्रिपाठी को आजमगढ़ जिले में डीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई। तबादले के कुछ ही घंटे के बाद अपराहन सड़क मार्ग से लखनऊ से आजमगढ़ पहुंचे नवागत डीएम अमृत त्रिपाठी ने सबसे पहले कोषागार कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट सभागार में मीडिया संग बातचीत की। कोरोना के प्रति आगाह कर मास्क सैनिटाइजर के महत्व को बताया। नवागत डीएम ने अपनी प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कोरोना की तीसरी लहर तेजी से आ रही है उस पर काबू करना सबसे बड़ी चुनौती है। इसमें सबसे बड़ा कार्य वैक्सीनेशन का होना है। उनका लक्ष्य रहेगा कि इस माह के अंत तक पूरे जनपद में 100% वैक्सीनेशन का कार्य पूरा करा लिया जाए। वर्तमान में वैक्सीनेशन के मामले में आजमगढ़ पूरे प्रदेश में आठवें स्थान पर है लेकिन अभी भी कई कार्य अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि डबल वैक्सीनेशन के बाद भी ओमीक्रोन अपनी सेंधमारी कर रहा है लेकिन वैक्सीनेशन से इसका ज्यादा असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब वो रास्ते में थे तभी उन्होंने इसको लेकर रणनीति दिमाग में बना ली थी। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को जागरूक तो किया ही जाएगा इसके अलावा लोगों को प्रेरित करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा भी कराई जाएगी। इसके लिए जो गांव वैक्सीनेशन में पिछड़े हैं उनको ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण से आच्छादित करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा होगी और तहसील स्तर पर भी इसी प्रकार प्रतिस्पर्धा होगी। लोगों को पुरस्कृत करने का काम किया जाएगा। कार्यकर्ताओं को का उत्साह लगातार बनाए रखना है इसके अलावा उन्होंने अन्य कई प्राथमिकताओं के बारे में भी जानकारी दी। 2008 बैच के आईएएस अमृत त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने अपनी सेवा की शुरुआत पूर्वांचल यही गाजीपुर जिले के जमुनिया तहसील से की थी इसलिए यहां की मूल समस्याओं से वह पूरी तरीके से अवगत हैं। उन्होंने बताया कि वह बतौर डीएम शाहजहांपुर बागपत समेत अन्य जिलों में भी तैनात रहे हैं। इसके अलावा विशेष सचिव पद पर कई विभागों में रहे हैं।