डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने के अनेक स्तरों पर प्रयास कर रहे है। उनकी विदेश नीति से भारत का दुनिया में महत्व व प्रभाव बढा है। नरेंद्र मोदी अपनी इस नीति का संचालन हिंदी में करते है। इसी प्रकार उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा के अवसरों व महत्व को बढ़ाया है। नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को पर्याप्त स्थान व महत्व दिया गया। इससे ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी तकनीकी,वैज्ञानिक,चिकित्सा शिक्षा आदि प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित किया है। वैश्विक मंचों पर उनका हिंदी में संबोधन राष्ट्रीय स्वाभिमान को रेखांकित करता है।

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि देश के नेतृत्व में हिन्दी के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। जिससे हिन्दी भाषा सशक्त हो रही है। समय के साथ राष्ट्रभाषा के रूप में इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। देश के प्रधानमंत्री विदेशों में अपने भाषण हिन्दी में ही देते हैं। इससे विदेशों में हिन्दी की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। स्वदेशी भाषाओं का प्रयोग सर्वथा उचित है। इससे भारतीय भाषाओं के बीच समन्वय स्थापित होगा। आनंदीबेन पटेल से आज राजभवन से प्रयागराज में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेेलन में बतौर मुख्य अतिथि ऑनलाइन प्रतिभाग किया। पूर्व राज्यपाल पंडित केशरी नाथ त्रिपाठी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने कामना के साथ इसकी समृद्धि के लिए इसके प्रयोग और प्रचलन को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

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