डॉ आलोक चांटिया।
मानते क्यों नहीं
इस दुनिया में आने के लिए
हर बीज ने एक अँधेरा
गर्भ में जिया है
पृथ्वी को तोड़कर या
गर्भ की असीम प्रसव पीड़ा
के बाद ही किसी ने
इस दुनिया में जन्म लिया है
फिर क्यों भागते हो
कोई भी दर्द या अँधेरा देखकर
प्रकृति ने तुम्हें इस
दुनिया का सच तुम्हें
दुनिया में लाने से पहले ही दे दिया है जी लो इनको भी
जीवन का असीम पहलू समझकर यही तो दर्शन माँ,
प्रकृति, भगवान सभी ने
इस पृथ्वी के हर प्राणी को दिया है।
डॉ॰ आलोक चांटिया – लखनऊ (उत्तर प्रदेश)