जीवन में शिक्षा आवश्यक है. लेकिन नैतिकता का महत्व इससे भी अधिक है. क्योंकि नैतिकता के अभाव में शिक्षा और ज्ञान कल्याणकारी नहीं हो सकता. लखनऊ में सीएमएस द्वारा प्रतिवर्ष बाल फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इसमें बच्चों को निःशुल्क बाल फ़िल्में दिखाने की व्यवस्था की जाती है. ऐसी सभी फ़िल्में बच्चों को नैतिक और मानवीय शिक्षा प्रदान करने वाली होती है. इस बार बाल फिल्म महोत्सव का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया. उन्होंने कहा कि बच्चे बचपन में जो सीखते और देखते हैं, उसका उनपर गहरा प्रभाव पड़ता है. बड़े होकर वह उसी के अनुरूप व्यवहार करते है. वैसे ही बन जाते हैं. फिल्म महोत्सव में बच्चों के अच्छी-अच्छी बाल फिल्में निशुल्क दिखाई जा रही है, जिससे बच्चों में नैतिकता का विकास होगा। उद्घाटन समारोह के उपरान्त अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव का शुभारंभ गैब्रिएला गार्सिया मदीना द्वारा निर्देशित अमेरिकी बाल फिल्म ‘बर्टी, द ब्रिलियन्ट’ से हुआ। यह फिल्म एक किशोर के साहस, संघर्ष और चरित्र निर्माण को दर्शाती है.
सीएमएस संस्थापक डा.जगदीश गांधी ने कहा कि इस तरह का फिल्म फेस्टिवल आयोजित करने वाला सीएमएस पहला स्कुल है. इसके माध्यम से बच्चों के लिए बनाई गई चारित्रिक गुणों वाली बाल फिल्में स्कूली स्टूडेंट्स को निशुल्क दिखाई जाती हैं. अभिनेता सुदेश बेरी ने कहा कि बच्चों के चारित्रिक और नैतिक विकास के लिए फिल्म जैसे सशक्त माध्यम का उपयोग सीएमएस की एक अनूठी पहल है.
नौ दिनों तक चलने वाले इस इवेंट में एक सौ चार
देशों की करीब साढ़े पांच सौ फिल्म निशुल्क दिखाई जाएंगी पहले ही दिन बाल फिल्मोत्सव में लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों से लगभग दस हजार स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स मौजूद रहे. अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव अठारह अप्रैल तक चलेगा।