डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ का नारा दिया था. यह एक अभियान बन गया था. इसके लिए उन्होंने अपना जीवन बलिदान कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कराया. इस तरह डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संकल्प साकार हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने उनकी जयन्ती के अवसर पर यहां डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय के परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा के सम्मुख चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत माता के महान सपूत डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पूरा जीवन भारत और भारतीयता तथा देश की एकात्मकता, अखण्डता एवं मानवता के कल्याण के लिए समर्पित था. वह महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. स्वतंत्र भारत की पहली सरकार में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में डाॅ0 मुखर्जी ने स्वतंत्र भारत की औद्योगिक और खाद्य नीति की आधारशिला रखी। वह आज भी एक उदाहरण है। तत्कालीन सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण डाॅ मुखर्जी ने स्वयं को कैबिनेट से अलग करके भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी.