लखनऊ। पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व चन्द्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे निर्भीक , स्पष्टवादी और सिद्धान्तों पर अडिग रहने वाले आदर्शवादी राजनेता थे। दारुलशफा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उनका कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजनीति में शुचिता के हिमायती थे। उनका प्रशासनिक कौशल बेजोड था। थोडे दिन की सरकार में भी उन्होंने दिखा दिया था कि अधिकारियों से किस प्रकार से काम कराना चाहिए। ब्यूरोक्रेसी कभी उन पर हावी नहीं हो सकी थी। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। युवा तुर्क के नाम से जाने जाने वाले चन्द्रशेखर जी सच्चे समाजवादी थे और उन्होंने देश को समाजवाद की दिशा में ले जाने का प्रयास किया था।

डा शर्मा ने बताया कि जब वे कांग्रेस में शामिल हुए थे तब एक बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चन्द्रशेखर जी से पूछा था कि वे पार्टी में किस उद्देश्य से आए है। इसके जवाब में उन्होंने बडी ही स्पष्टता और दृढता से कहा कि वे कांग्रेस में समाजवादी विचारधारा को आगे बढाना चाहते हैं। उनके इस जवाब पर इंदिरा गांधी ने पूछा कि अगर ऐसा नहीं कर सके तो क्या करेंगे तब चन्द्रशेखर जी ने बडी ही निर्भीकता से जवाब दिया कि उस स्थिति में कांग्रेस को तोड देंगे। इंदिरा गाधी जैसी नेता को इस प्रकार का उत्तर सिर्फ चन्द्रशेखर जी ही दे सकते थे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उनको सत्ता का जरा भी लालच नहीं था । कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने वाले चन्द्रशेखर जी ने राजीव गांधी की जासूसी का प्रचार होने पर इस प्रकरण के सामने आते ही कांग्रेस के समर्थन वापस नहीं लेने के बावजूद प्रधानमंत्री के पद को त्याग दिया था। वे साफ मिजाज के राजनेता थे तथा सीधे प्रधानमंत्री बने थे। इस अवसर दारुल सफा में आयोजित कार्यक्रम में जनसत्ता दल के अध्यक्ष श्री रघुराज प्रताप सिंह , विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राम गोविन्द चौधरी , भाजपा विधान परिषद दल के पूर्व नेता श्री विंध्यवासिनी कुमार सहित अन्य वरिष्ठ लोग उपस्थित थे।

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