राज्यपाल कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय, गोरखपुर मे दीक्षांत भाषण दिया. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को आज देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाए जा रहे गणेश चतुर्थी पर्व की शुभकामनाएं दीं। प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था, विश्वविद्यालयों में विविध विषयों की उच्च शैक्षिक व्यवस्था की चर्चा करते हुए हाल ही भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में लगायी गयी नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीर पर भी चर्चा की। भारत द्वारा चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया. कहा कि देश की बेटियाँ अब अनंत को चुनौतियाँ दे रही हैं।
उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधारों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए किए गए प्रयासों, विश्वस्तर पर भारतीय युवाओं के लिए बढ़ते अवसरों, भारत में तकनीकी क्षेत्र का बढ़ता प्रसार और उपयोग, युवाओं के लिए भारत में बढ़ते स्टार्ट-अप के अवसरों पर भी चर्चा की। कहा कि आजकल युवाओं में नवाचार की प्रवृत्ति बढ़ी है। तकनीक का सही समय पर सही उपयोग समाज को नई शक्ति देता है। युवा आज वैश्विक समस्याओं के समाधानों की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं। उन्होंने प्रबन्धन और इंजीनियरिंग के छात्रों को सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के छात्रों में नवाचार, कौशल, सृजनात्मकता एवं स्वरोजगार की प्रवृत्ति विकसित करने, ग्रामीण समुदाय के साथ भागीदारी करने की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्रों को जमीनी हकीकत की जानकारी होगी और उनमें संवेदनशीलता बढ़ेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को केन्द्र सरकार की जनहितकारी ‘आयुष्मान भव योजना‘ तथा ‘पी.एम. विश्वकर्मा योजना‘ की जानकारी भी दी एवं इसको लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए कहा, जिससे उन्हें स्वास्थय लाभ और व्यवसाय की प्रगति कि दिशा में समुचित सहायता और लाभ प्राप्त हो सके.