समाचार डेस्क। कोराना काल में जहां एक तरफ प्रवासी मजदूर परेशान हैं लाचार हैं वही दूसरी तरफ इन्ही को लेकर कुछ राजनितीक अपनी रोटीयां सेकने में लगी हुई। इसे अब आप क्या कहेगें। मैं तो इसे दोगले चरित्र का जीता जागता उदाहरण ही कहूंगा। कम से कम इस करोना काल में तो इस तरह की ओछी राजनीति नही करनी चाहीये….
प्रवासी मजदूरों को लेकर देश में राजनीति तेज हो गई है. शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि बंगाल की सरकार ट्रेनों को जाने की मंजूरी नहीं दे रही है. बीजेपी नेता ने कहा कि जिस राज्य में मजदूर हैं और जहां मजदूरों को जाना है, वहां दोनों राज्यों की सरकारों से परमिशन लेनी पड़ती है. अभी तक पश्चिम बंगाल की सरकार ने सिर्फ नौ ट्रेनों को जाने की मंजूरी दी है.
संबित पात्रा ने दावा किया कि आज कई रिसीव करने वाले राज्य परमिशन नहीं दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने 487 ट्रेनों को प्रवेश करने की अनुमति दी है, इसलिए यूपी के मजदूर आसानी से आ पा रहे हैं. बिहार की सरकार ने 254 ट्रेनों को राज्य में आने की परमिशन दी हैं.