डॉ दिलीप अग्निहोत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना आपदा के दौरान सम्पूर्ण देश पर नजर बनाए रहे। इस अवधि में उन्होंने छह बार सभी मुख्यमंत्रियों से संवाद किया। लाखों श्रमिकों के उत्तर प्रदेश,बिहार में पहुंचने की स्थिति भी वह देख रहे थे। लॉक डाउन के कारण गरीबों श्रमिकों कामगारों को होने वाली परेशानी उनके संज्ञान में थी। इन सबके दृष्टिगत उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की कार्ययोजना प्रस्तुत की थी। इसके क्रियान्वयन के क्रम में पहले आर्थिक पैकेज और फिर गरीब रोजगार योजना हेतु धनराशि का आवंटन किया। इधर उत्तर प्रदेश में योगी ने आदित्यनाथ लॉक डाउन की शुरुआत से ही मोर्चा संभाल लिया था। इसके लिए उन्होंने अथक मेहनत की,इस दौरान आपदा प्रबन्धन के जितने कार्य हुए वह प्रत्यक्ष दिखाई दे रहे है। कोविड़ अस्पताल,कोविड़ बेड,जांच,निगरानी समिति,भरण पोषण भत्ता, कम्युनिटी किचेन राशन व फूड पैकेट वितरण,श्रमिकों की वापसी,उनको रोजगार देने आदि अनेक योजनाओं का विश्व स्तरीय रिकार्ड बन गया। इसीलिए नरेंद्र मोदी ने यूरोप के विकसित देशों से यूपी की तुलना की,और इसमें भी उत्तर प्रदेश के बेहतर प्रबंधन को रेखांकित किया।

योगी आदित्यनाथ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश का योगदान सुनिश्चित करने का युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान से आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम को प्रेरणा मिली है।

राज्य सरकार ने इस योजना को क्वालिटेटिव एवं क्वांटिटेटिव विस्तार दिया। प्रदेश सरकार ने लाभार्थियों की संख्या बढ़ायी। इस कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत अभियान से भी जोड़ा। निश्चित ही योगी का आपदा प्रबंधन अन्य राज्यों को प्रेरणा लेनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धि पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उत्तर प्रदेश के आंकड़े चकित कर देने वाले हैं। दुनिया के तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश ने कितनी बड़ी सिद्धि प्राप्त की है।

पिछले कुछ सप्ताह में लगभग पैंतीस लाख कामगार श्रमिक वापस लौटे हैं। वापस लौटने वाले इन प्रदेशवासियों से संक्रमण के प्रसार का जोखिम बढ़ गया था। किन्तु राज्य सरकार ने स्थिति को संवेदनशीलता के साथ सम्भाला। उससे न केवल राज्य एक बड़े संकट से बाहर आया बल्कि देश की भी बड़ी सेवा हुई है। क्योंकि उत्तर प्रदेश की स्थिति बिगड़ती तो उसका प्रतिकूल प्रभाव पूरे देश पर पड़ता। योगी प्रदेश की जनता की कोरोना से रक्षा में लगे रहे। उन्होंने हालात को समझते हुए युद्धस्तर पर कार्य किया गया। क्वारंटीन सेण्टर व शेल्टर होम्स के निर्माण के लिए पूरी ताकत लगा दी। वापस लौटे श्रमिकों के लिए बहुत कम अवधि में जनसहभागिता के आधार पर ग्रामीण इलाकों में साठ हजार निगरानी समितियों का गठन किया गया। इन समितियों ने क्वारंटीन व्यवस्था को सुदृढ़ और सुव्यवस्थित करने में उपयोगी योगदान किया। बहुत कम समय में अस्पतालों में एक लाख से अधिक बिस्तरों का प्रबन्ध भी किया गया। लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की गयी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उत्तर प्रदेश ने बहुत तेजी से गरीबों व वापस लौटे श्रमिकों को निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया। प्रदेश का कोई भी नागरिक भूखा न रहे, इस भावना व संवेदनशीलता से राज्य सरकार ने कार्य किया। पन्द्रह करोड़ लोगों के लिए खाद्यान्न का प्रबन्ध किया गया।

इसके लिए प्रदेश की गरीब जनता में बयालीस लाख मीट्रिक टन राशन वितरित किया गया। राशन कार्ड न होने पर भी गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। उत्तर प्रदेश के लगभग सवा तीन करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में पांच हजार करोड़ रुपये की धनराशि अंतरित की गयी। आजादी के बाद के इतिहास में आज तक सम्भवतः किसी सरकार ने गरीबों की ऐसी मदद नहीं की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान में भी उत्तर प्रदेश आगे है। ग्रामीण इलाकों में गरीबों के आय के साधन बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के कार्य शुरु कराये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना सामुदायिक शौचालय निर्माण,पंचायत भवन,तालाब निर्माण, इण्टरनेट की लाइनों के बिछाने आदि कार्याें के माध्यम से प्रदेश सरकार ने लगभग सवा करोड़ श्रमिकों कामगारों को रोजगार दिया गया। पचास लाख लोगों को एमएसएमई इकाइयों में रोजगार दिया जा गया। इसके अलावा,स्वरोजगार के लिए हजारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब दस हजार करोड़ रुपये का ऋण आवंटित किया गया है। ऋण केसाथ हजारों हस्तशिल्पियों को आधुनिक मशीनें और उनके काम के लिए आवश्यक टूल किट भी दी गयी है। सवा करोड़ कामगारों की पहचान करना,तीस लाख से ज्यादा श्रमिकों के कौशल व अनुभव का डेटा तैयार करना और उनके रोजगार की समुचित व्यवस्था उत्तर प्रदेश में की गई। एक जनपद एक उत्पाद योजना में प्रदेश में पहले से ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत योजना में औद्योगिक क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं।आत्मनिर्भर भारत योजना से किसानों को भी लाभ होगा। किसानों को मण्डी के बाहर अपनी उपज बेचने का अधिकार दिया गया है। इससे वह जहां ज्यादा दाम मिले वहां अपना सामान बेच सकता है। वह बुवाई के समय भी उत्पाद का दाम तय कर सकता है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि पशुपालकों के लिए पन्द्रह हजार करोड़ रुपये का डेरी इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड बनाया गया है। इसके माध्यम से डेरी उद्योग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ ही एक करोड़ किसानों को डेरी उद्योग से जोड़ने की योजना है। इससे पैंतीस लाख रोजगार सृजन की सम्भावना है।

 

योगी के आग्रह पर केन्द्र सरकार द्वारा बौद्ध सर्किट के तहत कुशीनगर एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इससे पूरी दुनिया से बौद्ध श्रद्धालु उत्तर प्रदेश आ सकेंगे तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा विगत तीन वर्षाें में तीस लाख से अधिक पक्के घर बनाये गये हैं। तीन लाख से अधिक युवाओं की सरकारी नौकरियों में नियोजन हुआ है।

प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। मातृ मृत्यु दर में तीन प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।इनसेफेलाइटिस की बीमारी में कमी हुई है।मृत्यु दर में नब्बे प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। राज्य में बड़ी संख्या में मेडिकल काॅलेजों का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में बिजली,पानी,सड़क की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है।

दुनिया के निवेशक प्रदेश में आने के इच्छुक हैं। चार लाख एमएसएमईइकाइयों को दस हजार छह सौ करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का आनलाइन वितरण किया गया। आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग के द्वारा सामुदायिक शौचालय के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण,मनरेगा के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों व तालाबों की खुदाई एवं अन्य कार्यक्रमों में साठ लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों को नियोजित किया गया। एमएसएमई सेक्टर में पचास लाख श्रमिकों व कामगारों,स्वयं सहायता समूह एवं फाॅर्मर्स प्रोडूसर्स ग्रुप के अन्तर्गत पांच लाख श्रमिकों व कामगारों, केन्द्र व राज्य सरकार के अन्तर्गत संचालित विभिन्न एक्सप्रेस वेज़,अन्य मार्गाें, सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण तथा वन विभाग, नगर विकास विभाग व अन्य विभागों की परियोजनाओं में दस लाख श्रमिकों व कामगारों का नियोजन गया।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के अन्तर्गत आज दो लाख अड़सठ हजार इकाइयों को साढ़े छह हजार करोड़ रुपये का ऋण,एक लाख पैंतीस हजार नई इकाइयों को चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण किया गया। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व एक जनपद,एक उत्पाद योजना के अन्तर्गत पांच हजार से अधिक उत्तर प्रदेश के परम्परागत कारीगरों को टूल किट का वितरण हुआ।

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पैंतीस लाख बानवे हजार हजार से अधिक श्रमिकों और कामगारों की सकुशल वापसी हुई। राज्य सरकार ने समयबद्ध ढंग से वापस लौटे हुए कामगारों में अठारह वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को इसमें शामिल किए बगैर,तीस लाख सैंतालीस हजार की स्किल मैपिंग करायी गई। इसमें से चौबीस लाख पच्छत्तर हजार कंस्ट्रक्शन,रियल एस्टेट व अन्य निर्माण कार्याें,बानवे हजार कारखाना मजदूर, बाँसठ हजार आठ सौ टेलर,पैंतालीस हजार ड्राइवर,दस हजार सात सौ हस्तकला तथा तीन लाख इकसठ हजार सेल्स,वेडिंग,सिक्योरिटी गाॅर्ड,कूरियर सेवा आदि से जुड़े हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वापस आये छब्बीस लाख इकसठ हजार कामगार व श्रमिक तथा नगरीय क्षेत्रों में वापस आये एक लाख तिरसठ लाख कामगार व श्रमिक होम क्वारंटीन से बाहर आ गये हैं। चार लाख अभी भी होम क्वारंटीन में हैं। बाँसठ लाख श्रमिक व कामगार मनरेगा के अन्तर्गत काम कर रहे हैं। इसमें अधिकतर श्रमिक व कामगार कृषि,मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय निर्माण,प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना,एक्सप्रेस वेज, वृक्षारोपण कार्यक्रम आदि में समायोजित किये गये हैं। प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस लौटे पन्द्रह लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को इन योजनाओं में कार्य दिया गया है। इसके अलावा, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत चार लाख बाइस हजार वापस लौटे श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराते हुए एक लाख उनहत्तर हजार श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार कार्य में लगाया गया। साथ ही, वापस लौटीं उनतीस हजार छह सौ महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया है। अनलाॅक की के बाद लगभग सात लाख अस्सी हजार औद्योगिक इकाइयों संचालित की गयीं। आत्मनिर्भर भारत योजना के पहले चरण में प्रदेश में लगभग सत्तावन हजार नई एमएसएमई इकाइयों को दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया। इन इकाइयों द्वारा कार्य का संचालन भी प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा पांच हजार कामगारों को टूल किट दिया गया।

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