डॉ दिलीप अग्निहोत्री
बुंदेलखंड विशेष प्रकार के प्राकृतिक संसाधन से सम्पन्न रहा है। यहां के लिए उसी के अनुरूप विकास की योजना बनाना अपरिहार्य था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठीक कहा कि आजादी के बाद बुन्देलखण्ड को उपेक्षित किया गया। इसके कारण ही यह क्षेत्र सूखा,पलायन व गरीबी की त्रासदी झेलने को विवश हुआ। यहां जल संरक्षण, कनेक्टिविटी,कम पानी की फसल, पशुपालन, उद्योगों की स्थापना पर फोकस करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पानी के अभाव में फसल पर खराब प्रभाव पड़ता रहा। भूसे व चारे के अभाव में लोग अपने मवेशियों को खुला छोड़ देने को बाध्य होते थे। यह सब वहां की स्थायी समस्या बन गई थी।पिछली सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार ने बुंदेलखंड की समस्याओं के समाधान का संकल्प लिया। इसके अनुरूप यहां के लिए कार्य योजना बनाई गई। पेयजल जीवन की मूलभूत आवश्यकता होती है। यहां उसी के लिए संघर्ष करना पड़ता था।
कुछ समय पहले तक यहां के प्रत्येक घर नल से जल का सपना देखना भी संभव नहीं था। अब यह भी संभव किया जा रहा है। नरेन्द्र मोदी गत वर्ष झांसी आये थे।तब उन्होंने बुन्देलखण्ड पाइप पेयजल योजना का शिलान्यास किया था। इस योजना के प्रथम चरण में तीन जनपदों में निर्माण कार्यों का शुभारम्भ योगी आदित्यनाथ ने किया। आगामी दो वर्षों में बुन्देलखण्ड के हर घर में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति प्रारम्भ हो जायेगी। योजना की मेन्टेनेंस अगले दस वर्षों तक कार्यदायी संस्था द्वारा की जाएगी। जिससे योजना लम्बे समय यह तक संचालित हो सके।।इस वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री ने चित्रकूट में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया था। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे को यहां के विकास की लाइफ लाइन बताया गया था। योगी ने कहा कि संचालित निर्माण कार्य पूर्ण होने के साथ ही देश की सुरक्षा और आर्थिक कल्याण में बुन्देलखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान होगा। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके निर्माण के उपरान्त इसके दोनों तरफ औद्योगिक गलियारे स्थापित किए जाएंगे।
बुन्देलखण्ड के आर्थिक विकास के मद्देनजर डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर स्थापित करने का कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने के उपरान्त बुन्देलखण्ड क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री ने दो हजार चौबीस तक हर घर में नल से पानी पहुंचाने का ल़क्ष्य निर्धारित किया है। जिसे हम वर्ष अगले दो वर्ष में ही हासिल करने का प्रयास करने का प्रयास किया जा रहा है। ललितपुर, झाँसी एवं महोबा के लिये वाॅटर सप्लाई बांधों से ली जाएगी। प्रत्येक घर तक जल पहुंचाया जाएगा। पाइप पेयजल योजना का संचालन समिति द्वारा होगा। इस समिति में महिलाओं की भागीदारी पचास प्रतिशत होगी। वही इसका प्रबन्धन करेंगी। बुन्देलखण्ड में लागू की जा रही इस पाइप पेयजल योजना में सरकार धन की कमी नहीं होने देगी। यहां के ढाई हजार वर्ष पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।