डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से कोरोना आपदा के बेहतरीन प्रबन्धन किया गया। इसकी प्रशंसा भारत ही नहीं,विदेशों में भी हो रही है। योगी आदित्यनाथ पहले लॉक डाउन और बाद में अनलॉक के सभी चरणों की अलग अलग समीक्षा और उसी के अनुरूप वह प्रबन्धन भी करते रहे है। लॉक डाउन में प्रशासन की मुस्तैदी थी। लोग अपने घरों में रहे। लेकिन अनलॉक में प्रशासन व समाज दोनों की जिम्मेदारी व जबाबदेही बहुत बढ़ गई है। इसमें कठिनाई तब होती है जब लोग अपने दायित्व के निर्वाह में लापरवाही करते है। प्रचार प्रसार माध्यमों से सभी लोगों को दो गज दूरी मास्क जरूरी नियम की जानकारी हो चुकी है। यह ऐसा विषय है कि इस पर प्रशासन के हस्तक्षेप की आवश्यकता ही नहीं होनी चाहिये। आत्मसंयम के साथ सभी लोगों को इसका पालन करना चाहिए। जिम्मेदार नागरिक स्वतः इन नियमों का पालन कर रहे है। लेकिन लापरवाह लोगों की संख्या भी कम नहीं है। जिसके कारण कोरोना संक्रमण में लगातार वृद्धि हो रही है। इस संबन्ध में मुख्यमंत्री को पुनः निर्देश देने पड़े। उन्होंने अनावश्यक आवागमन को रोकने तथा मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक किए जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि कोविड संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है।
प्रशासन लोगों को अवगत कराया जाए कि घर से बाहर अत्यन्त आवश्यक होने पर ही निकलें। जनता को ‘दो गज की दूरी मास्क है जरूरी’ को अपने दैनिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए। यदि सार्वजनिक स्थान पर कोई बिना मास्क लगाए मिले तो उस पर जुर्माना राशि में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेगा। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने दी। सरकार आपदा प्रबंधन के युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। प्रदेश में अब तक तैतीस हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण गृह,महिला संरक्षण गृह तथा वृद्धाश्रम के निवासियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर संक्रमण की जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। संक्रमित व्यक्ति के उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश में जनपद स्तर पर एम्बुलेंस की अतिरिक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। निजी अस्पतालों में ट्रूनैट मशीन की स्थापना व इनके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के निर्देश दिए। कहा कि रैपिड एन्टीजन टेस्ट के अतिरिक्त तीस हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। संक्रमण को रोकने के लिए स्वच्छता व सेनिटाइजेशन को व्यवस्था का अंग बनाना होगा।
कोविड के संक्रमण सहित संचारी रोगों से बचाव के लिए ऐसा करना आवश्यक है। सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा। शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए पाइप पेयजल योजनाओं का संचालन होगा।आमजन को पानी उबालकर पीने तथा स्वच्छता के सम्बन्ध में लगातार जागरूक किया जाएगा। स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल के सम्बन्ध में मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर विषाणुजनित तथा जीवाणुजनित बीमारियों को रोकने में सहायता मिलेगी।