डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्राचीन भारत के गुरुकुलों में सैन्य शिक्षा भी अनिवार्य थी। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम में इसको स्थान दिया गया था। लेकिन यह शिक्षा तलवार के बल पर अपने मत के प्रसार या निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करने के लिए नहीं थी। क्योंकि इस शिक्षा के साथ मर्यादा व नैतिकता के बंधन भी थे। इसमें शास्त्र और शस्त्र दोनों का सामंजस्य था। सदियों की पराधीनता ने राष्ट्रीय स्वाभिमान के विचार को कमजोर किया। लेकिन देश की सांस्कृतिक विरासत कायम रही। उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय है कि स्वतन्त्र भारत का पहला सैनिक स्कूल लखनऊ में स्थापित हुआ। वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महान भारतीय विरासत पर गर्व करने का सन्देश देते है। वह कहते है कि भारत की महान विरासत से सदैव प्रेरणा लेनी चाहिए। इससे राष्ट्रभाव को मजबूत होता है।लखनऊ का कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय सैनिक स्कूल को देश के प्रथम सैनिक स्कूल होने का गौरव प्राप्त है। 15 जुलाई 1960 को उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ सम्पूर्णानन्द जी द्वारा की गई थी। इसकी हीरक जयंती के संदर्भ में योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर शौर्य,पराक्रम और सेवा का सन्देश दिया।
कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने सैनिक स्कूल की हीरक जयन्ती समारोह के कार्यक्रमों को एक वर्ष तक गरिमापूर्ण ढंग से साथ मनाए जाने के निर्देश दिए थे। उनका कहना था कि कार्यक्रमों का आयोजन इस प्रकार से हो कि स्कूल के बच्चे देश की संस्कृति, विरासत,शौर्य एवं पराक्रम से भली प्रकार अवगत हो सकें। उन्होंने स्कूल के नवम्बर माह में वार्षिकोत्सव के कार्यक्रमों को भी हीरक जयन्ती कार्यक्रमों के साथ संयोजित करने का सुझाव दिया था। उन्होंने सैनिक स्कूल की बाउण्ड्रीवाॅल,छात्रावास, क्षमता विस्तार को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। सैनिक स्कूल के आडिटोरियम के शेष बचे कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के हीरक जयन्ती वर्ष का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों को विनम्र नमन किया। साथ ही इस स्कूल की स्थापना करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ सम्पूर्णानन्द जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ सम्पूर्णानन्द ने 1960 ही देश के इस पहले सैनिक स्कूल की आधारशिला में रखी थी।योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का यह सैनिक स्कूल विभिन्न क्षेत्रों में नए नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है।
रक्षा,प्रशासन,चिकित्सा समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टतम अधिकारी और अच्छे सैनिक देकर हम सभी को गौरवान्वित कर रहा है। अनेक युद्धों में हमारे सैनिकों ने दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर किया था। सत्ता में आने के उपरान्त राज्य सरकार सैनिक स्कूल के लिए कुछ करना चाहती थी। अतः यहां पर बालिकाओं को भी प्रवेश देने की व्यवस्था की गई। राज्य सरकार बालक और बालिकाओं में भेदभाव नहीं करती। सरकार बालिका शिक्षा को हर स्तर पर बढ़ावा दे रही है। सैनिक स्कूल में बालिकाओं के प्रवेश का तृतीय सत्र चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के लिए कुछ करने का भाव उनके मन में था। इसी क्रम में इसकी क्षमता के विस्तार की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है। भविष्य में भी इस स्कूल के विकास हेतु सभी संभव प्रयास किये जायेंगे। वह स्वयं यहां के कार्यो की समीक्षा करेंगे। विकास की जो भी योजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी,उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। जिससे यह देश का रोल मॉडल सैनिक स्कूल बन सके। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के भविष्य का अनुमान युवाओं की भावनाओं को देखकर अन्दाजा लगाया जा सकता है। युवाओं के जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। सैनिक स्कूल इसका सशक्त माध्यम बन सकता है। इसलिए हमें सैनिक स्कूल की श्रृंखला को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हीरक जयन्ती प्रतीक चिन्ह का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने डाक विभाग द्वारा जारी विशेष कवर का अनावरण भी किया।