डॉ दिलीप अग्निहोत्री

उत्तर प्रदेश में पर्यटन व तीर्थाटन की अपार संभावना है। यहां अनेक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक ऐतिहासिक,प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। लेकिन इनके विकास को पर्यटन उद्योग से जोड़कर पहले नहीं देखा गया। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस ओर ध्यान दिया। पिछले तीन वर्ष के दौरान इस दिशा में अनेक उल्लेखनीय कार्य हुए है। जिनसे उत्तर प्रदेश में पर्यटन व तीर्थाटन को प्रोत्साहन मिला है। इसके माध्यम से वहां राजस्व के साथ ही बड़ी संख्या में परोक्ष अपरोक्ष रोजगार के अवसर भी मिलते है। अयोध्या के प्रति विश्व स्तर पर करोड़ों लोगों की आस्था है। पहले यहां के विकास की बात को साम्प्रदायिक माना जाता था।

योगी आदित्यनाथ ने इस मान्यता को बदल दिया। आस्था अपनी जगह है,लेकिन इस नगर को विश्व स्तरीय तीर्थाटन व पर्यटन का केंद्र बनाना विकास का ही एजेंडा है। योगी आदित्यनाथ ऐसे सभी नगरों को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास कर रहे है। उनकी यह कार्य योजना केवल आस्था के कारण नहीं है,बल्कि वह इसे पूरे प्रदेश के विकास से जोड़ कर चल रहे है। कुछ दिन पहले वह अयोध्या धाम की यात्रा पर गए थे। तब उन्होंने कोरोना आपदा प्रबंधन के साथ ही यहां चल रही विकास योजनाओं की भी समीक्षा की थी। गत दिवस उन्होंने लखनऊ में अयोध्या में चल रही योजनाओं से संबंधित प्रस्तुतिकरण के अवलोकन किया।

अयोध्या यात्रा के दौरान भी उन्होंने रानी हो पार्क,रामकथा गैलरी,राम की पैड़ी के शेष कार्यों,लक्ष्मण घाट,बस स्टेशन, पेयजल,अयोध्या सीवेज आदि योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देखा था। योगी यहां के विकास कार्यों की स्वयं निगरानी कर रहे है। तब उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की भूमि क्रय व मेडिकल काॅलेज निर्माण की प्रगति की समीक्षा भी की थी। उनका कहना था कि अयोध्या के विकास कार्यों में किसी अवरोध की जानकारी तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जाए। जिससे प्राथमिकता के आधार पर उसका निवारण हो सके। इसी क्रम में उन्होंने लखनऊ में भी प्रस्तुतिकरण देखा,और आवश्यक निर्देश दिए। कहा कि अयोध्या पहुंचने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सड़कों का प्रभावी और निर्बाध नेटवर्क तैयार किया जाए। सड़कों के दोनों ओर सभी जनसुविधाओं जैसे पेयजल,शौचालय इत्यादि की अच्छी व्यवस्था रहनी चाहिए। विभिन्न स्थलों पर मल्टी लेवेल पार्किंग का निर्माण किया जाए। बस स्टैण्ड बनाए जाएंगे। अयोध्या में अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग की जाएगी। बेहतर मार्ग प्रकाश व्यवस्था का इंतजाम रहना चाहिए। दर्शनार्थियों को नगर के अंदर इलेक्ट्रिक कार्ट्स के माध्यम से यातायात की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। अयोध्या नगरी के सभी विकास कार्यों को योजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।

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