डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना आपदा के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीबों के कल्याण हेतु अभूतपूर्व कार्य किये है। भरण पोषण भत्ता के अलावा राशन किट प्रदान करने का भी कार्य संचालित रहा। इस क्रम को आगे बढाया गया। गरीबों को आर्थिक सहायता के साथ बाढ़ जैसी आपदाओं के पूर्वानुमान का भी इंतजाम किया गया। मुख्यमंत्री ने आपदा पूर्व चेतावनी तथा राहत प्रबन्धन हेतु तैयार वेब बेस्ड एप्लीकेशन्स का लोकार्पण किया।इन्टीगे्रटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम,आपदा प्रहरी एप,आनलाइन बाढ़ कार्य योजना माॅड्यूल से पूर्वानुमान मिलेगा। इसके अलावा जागरूकता का कार्य भी जारी रहेगा। प्रदेश में गरीबों को राहत प्रदान करने का कार्य भी चल रहा है। प्रदेश के सभी श्रमिकों और कामगारों के वापस आने पर उन्हें राशन किट व उनके खाते में एक हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी। अब तक बावन लाख से अधिक लोगों को यह धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। उन्नीस लाख लोगों को दूसरी बार यह राशि उपलब्ध करायी गयी है। कम्युनिटी किचन के माध्यम से छह करोड़ से अधिक लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराये गये हैं। राहत की यह यात्रा आगे बढ़ी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज करीब नौ लाख नौ हजार श्रमिकों कामगारों को आर्थिक सहायता के दूसरे चरण में नब्बे करोड़ अठासी लाख रुपये आनलाइन हस्तांतरित किये। इसके प्रथम चरण में तेरह जून को प्रदेश वापस आए करीब साढ़े ग्यारह लाख श्रमिकों को एक एक हजार रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गयी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के अनुरूप राज्य सरकार भी तीन महीने तक प्रत्येक लाभार्थी को नि शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। पचास लाख से अधिक लोग उद्योगों में काम कर रहे हैं। वृक्षारोपण कार्यक्रम,तालाब व नदियों के पुनर्जीवन सहित अन्य विकास व निर्माण कार्याें से श्रमिकों को जोड़ा गया, जिससे उत्तर प्रदेश का नवनिर्माण हो रहा है। सम्मान निधि के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी को दो हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। उज्ज्वला योजना के प्रत्येक लाभार्थी को निःशुल्क गैस सिलेण्डर देने की व्यवस्था सितम्बर तक कर दी गयी है। स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ गरीबों को राहत प्रदान करने का कारगर प्रयास कर रहे है।