डॉ दिलीप अग्निहोत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परिवर्तनकारी सुधारों पर चर्चा करने के उद्देश्य से एक सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन में देश भर के कुलपतियों, शिक्षाविदों, विद्वानों और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने अपने उद्बोधन के साथ यह बताया कि कैसे NEP वह ‘अमृत’ है जो सभी हितधारक समूहों के प्रतिनिधियों द्वारा बहुत विचार-विमर्श रूपी समुद्र मंथन के बाद उत्पन्न हुआ है। माननीय प्रधान मंत्री महोदय ने कॉन्क्लेव को संबोधित किया और कहा कि कैसे NEP हमारे मौजूदा, पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्य प्रणाली को आधुनिक मानसिक और तकनीकी बुनियादी ढाँचे में शामिल करता है, और ‘मानव और मानवता, और अतीत और भविष्य’ के बीच संघनित करता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय भी इस सम्मेलन का एक गौरवशाली सहभागी था, और माननीय कुलपति प्रो आलोक कुमार राय द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया था। प्रधान मंत्री के संबोधन के कुछ ही समय बाद, प्रो राय को एनईपी पर अपनी टिप्पणियों के साथ सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। प्रो॰ राय ने एक शब्द ‘LIFES’ के माध्यम से नई शिक्षा नीति को संक्षेप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि एनईपी का मतलब ‘L-लाइफ कोचिंग’, ‘I- Indian शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण’, ‘F-फ्लेक्सिबिलिटी’, ‘E-एम्प्लॉयबिलिटी जेनरेशन’ और ‘S-स्ट्रक्चरल चेंज इन एजुकेशन सिस्टम’ है। । प्रो॰ राय ने एनईपी के छात्र केंद्रित दृष्टिकोण का स्वागत किया और इसके कार्यान्वयन के माध्यम से भारतीय शिक्षा प्रणाली में हमेशा के लिए बदलाव पर विश्वास व्यक्त किया।

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