डॉ दिलीप अग्निहोत्री

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अनेक अवसरों को शिक्षाप्रद बना देती है। ऐसा लगता है कि श्रेष्ठ शिक्षिका के वैचारिक भाव को उन्होंने धूमिल नहीं होने दिया। राजभवन में आयोजित स्वतन्त्रता दिवस समारोह में भी यही देखने को मिला। कोरोना संकट के कारण गिनती के ही कुछ छोटे विद्यार्थी ही समारोह में आमंत्रित थे। लेकिन यहां का संदेश प्रदेश के सभी बच्चों,विद्यार्थियों के लिए था। सभी को देश के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों के विषय में पता होना चाहिए। यह समझना चाहिए कि उन्होंने अपनी सुख सुविधाओं का देश के लिए त्याग कर दिया। कष्ट सहे,यातनाएं झेली,बलिदान दिए,और देश को आजाद कराया। नई पीढ़ी को स्वतन्त्रता का महत्व समझते हुए देश को शक्तिशाली बनाने में योगदान हेतु तैयार होना चाहिए। इस बार का स्वतन्त्रता दिवस समारोह कोरोना आपदा के दौर में हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश आपदा को अवसर में बदल रहा है। राज्यपाल ने राजभवन में ध्वजारोहण किया। उन्होंने स्वतन्त्रता के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले महापुरुषों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश ने अहिंसा के बल पर आजादी हासिल की थी। ऐसे सभी महापुरुषों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। पूर्व संध्या पर भी राज्यपाल ने कहा था कि पन्द्रह अगस्त का ऐतिहासिक दिन हमें राष्ट्रीय गौरव एवं आत्मसम्मान की अनुभूति कराता है। आज के दिन हम उन सभी वीर सपूतों एवं शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं,जिन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। राष्ट्रहित में त्याग और समर्पण की भावना के साथ कार्य करने का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए हमें सदैव तत्पर रहना होगा। इसी में देश के ऐतिहासिक,सांस्कृतिक एवं राजनैतिक गौरव को समृद्ध बनाये रखने का मर्म निहित है। देश को आत्मनिर्भर एवं स्वच्छ बनाने तथा पर्यावरण को सुधारने का भी सभी को संकल्प लेना चाहिए। जिससे भावी पीढ़ी को स्वच्छ,सशक्त और सुरक्षित भारत विरासत में मिल सके। राज्यपाल ने राजभवन में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। समारोह में शामिल अधिकारियों व कतमचरियों से भी उन्होंने मुलाकात की।

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