सत्यम ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात.

पूरी दुनिया मे फैले कोरोना वायरस के महामारी से सेनिटाइजर और मास्क की माँग बढ़ गयी है. जिसके बाद मार्किट में इसकी काला बाज़ारी भी बढ़ गयी. इसके साथ ही नकली सेनिटाइजर का गोरख धंधा भी बढ़ गया है. फ़ूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने एक ऐसी ही कंपनी पर छापा मारा है. जहां भारी मात्रा में नकली सैनिटाइजर बनाने का गोरखधंधा चल रहा था। इस छापेमारी में लाखो का नकली सेनेटाइजर जप्त किया गया। वही साथ ही सेनेटाइजर बनाने और फिलिंग के लिए उपयोग में ली जाने वाली मशीन भी जप्त की गई है

पूर्व सुचना और छानबीन के बाद गुजरात फ़ूड एंड ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने जब अहमदाबाद के मकरबा इलाके के एक रिहायशी मकान में छापा मारा तो वो दंग रह गए , इस मकान में भारी मात्रा में नकली सेनेटाइजर बनाया और फिलिंग किया जा रहा था और वो भी बिना किसी जरुरी कागजात या परवाने के , इस छापे में मीत पटेल नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया

छापे के दौरान पूछताछ में मीत पटेल ने बताया की ये सेनेटाइजर मेहसाणा स्थित ज्योति हर्ब्स और गांधीनगर स्थित प्रिंस इंस्टेंट के नाम से सेनेटाइजर बनाया जा रहा था लेकिन तहकीकात में पता चला की ये दोनों कंपनियों के लाइसेंस भी एक्पायर हो चुके थे , पटेल ने ये भी बताया की वो लॉक डाउन की शुरुआत से ही सेनेटाइजर बना रहा है और अब तक इसके लिए वो 18 लाख रूपये के डी नेचर्ड अल्कोहल खरीद चूका था , छानबीन में ये भी पता चला की जिस ज्योति हर्ब्स का मीत पटेल ने हवाला दिया उसके पास कॉस्मेटिक और मेडिसिन बनाने के को लाइसेंस नहीं था और गांधीनगर की प्रिंस इंस्टेंट हैंड सेनेटाइजर तो कम्पनी ही फर्जी थी , इसके अलावा इनके द्वारा फर्जी हेयर रेमोवेर भी बनाया जा रहा था।

फ़िलहाल फ़ूड एंड ड्रग्स विभाग ने इस मामले में 1940 ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे की छानबीन करने में जुट गई है की इन लोगो ने अब तक कितनो को ये फर्जी सेनेटाइजर बेचे है और इस पुरे गोरखधंधे में और कौन कौन शामिल है

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