सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात

 

गुजरात के स्कूलों में फ़ीस माफ़ी को लेकर अभिभावकों के संगठन वाली एकता मंडल द्वारा चलाई जा रही मुहीम कुछ रंग ला रही है , कुछ स्‍कूली बच्‍चों के पैरंट्स के लिए राहत की खबर है कि वहां कई स्‍कूल इस बात के लिए राजी हो गए हैं कि वे 2020-21 सेशन के दौरान बच्‍चों से 25 प्रतिशत कम फीस लें। ऐसा कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए वित्‍तीय संकट को देखकर किया गया है। हालांकि, अभी भी ऐसे अभिभावक संगठन हैं जो मांग कर रहे हैं कि यह छूट 50 फीसदी होनी चाहिए। इसे लेकर सरकार के साथ लगातार बैठक भी की जा रही है।

फीस में कटौती को लेकर सेल्‍फ फाइनेंस्‍ड स्‍कूलों के असोसिएशन और शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्‍मा के बीच गुरुवार को बातचीत हुई थी। माना जा रहा है क‍ि इस कदम से राज्‍य के 20 हजार स्‍कूलों के 30 लाख से ज्‍यादा स्‍टूडेंट्स को लाभ होगा। इससे पहले स्‍कूल 20 फीसदी कटौती की बात कह रहे थे जबकि सरकार 25 प्रतिशत कटौती पर अड़ी हुई थी। स्‍कूल कुछ शर्तों के साथ इस कटौती के लिए राजी हुए हैं। स्‍कूलों ने सरकार से आग्रह किया है कि इसमें दो शर्तें जोड़ी जाएं। पहली शर्त यह है कि यह कटौती सिर्फ उन्‍हीं पैरंट्स के लिए हो जो नियमित रूप से फीस देते रहे हैं। दूसरी शर्त, जो पैरंट्स इस कटौती का फायदा उठाना चाहते हैं उनके लिए एक कटऑफ डेट तय की जाए।

इस बीच शुक्रवार को शिक्षा मंत्री और स्‍कूली बच्‍चों के माता-पिता के संगठन ऑल गुजरात वालि मंडल के बीच बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। यह संगठन मांग कर रहा था कि कटौती कम से कम 50 प्रतिशत हो। वहीं सरकार का कहना है कि ऐसे में स्‍कूल ठीक से काम नहीं कर पाएंगे, टीचरों की सैलरी में भारी कटौती करनी होगी जिससे लाखों टीचर भी प्रभावित होंगे यहाँ बता दें की राज्य सरकार पहले कोर्ट के माथे ये सरदर्द देना चाहती थी लेकिन कोर्ट ने साफ़ तौर पर जब सरकार को ये आदेश दिया की ये सरकार का विषय है और वो इस मामले में उचित निर्णय ले जिसके बाद से अब सरकार और अभिभावकों बिच लगातार बात हो रही है

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