सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
गुजरात विधानसभा सदन में गूंजा अहमदाबाद की साबरमती नदी के प्रदुषण का मुद्दा , साबरमती नदी को प्रदूषित किए जाने की शिकायत को लेकर कांग्रेस विधायक सी जे चावड़ा ने विधानसभा में सवाल उठाया जिसके जवाब में सरकार ने माना की केमिकल युक्त पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। सरकार ने ये भी बताया की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले 2 वर्षों में उद्योगों को 119 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 47 दिशा निर्देश और 2 कानूनी नोटिस भी जारी किए। आपको जानकार हैरानी होगी के साबरमती को सबसे ज्यादा प्रदूषित खुद कारपोरेशन ने ही किया है , जीपीसीबी ने दो साल में ११२ नोटिस तो सिर्फ अहमदाबाद महानगर पालिका को दिए गए हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि प्रदूषण बोर्ड ने 2 साल में जो भी नोटिस दिए इनमें से ज्यादातर अहमदाबाद निगम के पिराना, ओल्ड वासना, न्यू वासना, जल विहार, खानपुर के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को दिए गए हैं। इन प्लांट्स में 180 एमएलडी से लेकर 48 एमएलडी तक के सभी प्लांट्स शामिल हैं।
गौरतलब है कि साबरमती नदी के प्रदुषण का मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है।हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने कुछ निजी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की और कंपनियों को सील कर सीवरेज कनेक्शन भी काट दिए. लेकिन जब खुद कारपोरेशन ही उनके सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी नदी में छोड़ उसे प्रदूषित कर रहा है तो किसी और से क्या ही शिकायत की जाये।