Total Samachar वसुधैव कुटुम्बकम का उद्घोष

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उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट ने उद्योगीक विकास की इबारत लिखी. इसके साथ ही जी 20 इवेंट्स के माध्यम से वसुधैव कुटुम्बकम के स्वर गूंजने लगे. वस्तुतः विकास और वसुधैव वसुधैव कुटुम्बकम नए भारत की पहचान हैं. विश्व गुरु के रूप में ही भारत ने मानव कल्याण की कामना की थी. ऐसा उदार चिन्तन भारतीय सभ्यता संस्कृति की विशेषता है. आज आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा भारत पुनः यह उद्घोष करने की स्थिति में है. इस समय भारत जी 20 का अध्यक्ष हैं. इसका ध्येय वाक्य भारतीय चिन्तन को उजागर करने वाला है. जिसे दुनिया के इस अत्यधिक महत्त्वपूर्ण संगठन ने सहजता के साथ स्वीकार्य किया है. किसी वैश्विक संगठन ने पहली बार भारतीय सूक्ति को अपना ध्येय वाक्य बनाया है। वस्तुतः यह भारतीय चिंतन के बढ़ते प्रभाव और लोकधर्म की प्रतिध्वनि है। इसे विश्व सहजता से स्वीकार कर रहा है। लोगों को धीरे-धीरे यह समझ में आ रहा है कि वैश्विक समस्याओं का समाधान भारतीय चिंतन के माध्यम से किया जा सकता है। एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य यह भारतीय विचार है। यही संस्कार, विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। G-20 के प्रतीक चिन्ह में सात पंखुड़ियों वाले कमल के फूल पर गोलाकार विश्व स्थित है। इसके नीचे भारतीय संस्कृति का प्रसिद्ध ध्येय वाक्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ अंकित है। दूसरी तरफ आत्मनिर्भर भारत अभियान में उत्तर प्रदेश अपना योगदान बढ़ा रहा है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने विकास के नए आयाम गढ़े हैं. इसके माध्यम से एक नए उत्तर प्रदेश की चमकदार तस्वीर देश के सामने प्रस्तुत की है। आज राष्ट्रीय फलक पर एक ऐसा उत्तर प्रदेश उभरकर आया है जिसकी छवि ‘बीमारू’ राज्य की नहीं, बल्कि एक ऐसे विकासशील राज्य की है जो भारत की प्रगति में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रहा है। भारत का नया उत्तर प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इस संदर्भ में गौर करें तो प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, चिकित्सालय, सड़क, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्कूल जैसी कल्याणकारी परियोजनाएं तेजी से मूर्तरूप ले रही हैं।

योगी सरकार के शासन में उत्तर प्रदेश में विश्वास का वातावरण बना है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस सकारात्मक माहौल को अभी और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, जिसके लिए सरकार जुटी हुई है।पहले सरकारें कुछ खास क्षेत्रों पर ध्यान देती थीं, जबकि वर्तमान सरकार बिना भेदभाव के पूरे प्रदेश को योजनाओं से लाभान्वित कर रही है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के माध्यम से प्रदेश में निवेश एवं रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। इस डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में छह नोड्स विकसित किए जा रहे हैं। ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उत्तर प्रदेश की प्रगति को शानदार बताया.कहा कि अब उत्तर प्रदेश ने अपनी एक नई पहचान स्थापित कर ली है। अब उत्तर प्रदेश को सुशासन से पहचाना जा रहा है। प्रदेश की पहचान बेहतर कानून-व्यवस्था, शांति और स्थिरता से है। अब यहां वेल्थ क्रिएटर्स के लिए नित्य नए अवसर बन रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में प्रदेश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की पहल के परिणाम नजर आ रहे हैं। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है। यहां पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील होंगे. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश सीधे समुद्र से जुड़ रहा है और गुजरात तथा महाराष्ट्र के पोर्ट्स से कनेक्ट होता जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में सरकारी सोच और अप्रोच में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सार्थक बदलाव आया है।नई वैल्यू और सप्लाई चेन विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश आज एक नया चैम्पियन बनकर उभर रहा है। परंपरा और आधुनिकता से जुड़े उद्योगों, एमएसएमई का एक बहुत ही सशक्त नेटवर्क आज उत्तर प्रदेश में वाइब्रेन्ट है।उत्तर प्रदेश भारत का टेक्सटाइल हब है। आज, भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का 60 प्रतिशत से भी ज्यादा अकेले उत्तर प्रदेश में होता है। मोबाइल कम्पोनेन्ट की सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग भी उत्तर प्रदेश में ही होती है। अब देश के दो डिफेंस कॉरिडोर्स में से एक उत्तर प्रदेश में बन रहा है।डेयरी, मत्स्य, कृषि तथा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अनेक संभावनाएं हैं।नैचुरल फार्मिंग की तरफ हम तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां उत्तर प्रदेश में गंगा जी के किनारे दोनों तरफ पांच किलोमीटर क्षेत्र में नैचुरल फार्मिंग शुरु हो गई है। इस वर्ष के बजट में हमने किसानों की मदद के लिए दस हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाने की घोषणा की है। ये नैचुरल फार्मिंग को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इसमें भी निजी उद्यमियों के लिए इन्वेस्टमेंट की अनेक संभावनाएं हैं।उत्तर प्रदेश में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट में प्रशंसनीय कार्य हुए हैं।

देश के स्टार्ट अप रेवोल्यूशन में भी उत्तर प्रदेश की भूमिका लगातार बढ़ रही है। योगी आदित्यनाथ ने
राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आया है. वह जमीनी धरातल पर भी दिखायी दे रहा है। यह निवेश महाकुम्भ उसकी एक झलक प्रस्तुत कर रहा है। इस निवेश महाकुम्भ में अब तक करीब उन्नीस हजार
एमओयू प्रदेश सरकार के साथ वर्तमान में हुए हैं। इनसे प्रदेश में अब तक करीब तैतीस लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। इससे राज्य में करीब एक करोड़ नौकरियां एवं रोजगार की सम्भावनाएं बनी हैं। आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में उत्तर प्रदेश अपनी दूसरी इन्वेस्टर्स समिट व प्रथम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से वैश्विक निवेशक विकास में सहभागी हो रहे हैं.

यह आयोजन प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाये जाने के प्रयासों का अभिन्न अंग है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 सेक्टोरियल पॉलिसीज बनायी हैं। सभी सेक्टर्स में निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार ने निवेशकों की सुविधा के लिए 04 पिलर्स तय किये हैं। इनमें ऑनलाइन सिंगल विण्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ के माध्यम से 33 विभागों की 406 सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। इन्वेस्टर्स रिलेशनशिप मैनेजमेन्ट पोर्टल ‘निवेश सारथी’ निवेशकों की जिज्ञासाओं के समाधान, समस्या निवारण और निवेश परियोजनाओं के अनुश्रवण की सुविधा दे रहा है। नीतियों में प्राविधानित इन्सेंटिव को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन इन्सेंटिव मैनेजमेन्ट सिस्टम विकसित किया गया है। इसके साथ ही, प्रदेश के अन्दर हर एक निवेशक के साथ एक उद्यमी मित्र की तैनाती की व्यवस्था की गयी है।उत्तर प्रदेश ने विगत 06 वर्षां में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अच्छी सफलता प्राप्त करते हुए लीड्स रैंकिंग में ‘अचीवर्स’ श्रेणी प्राप्त की है। विगत पांच वर्षां में प्रदेश ने अपने निर्यात को दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है।

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