डॉ दिलीप अग्निहोत्री

किसान सम्मान निधि योजना का दो वर्ष पूरे हुए। यह सांयोग था कि इसकी वर्षगांठ पर योगी आदित्यनाथ का विधानसभा में भाषण हुआ। वह राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जबाब दे रहे थे। इसमें उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याण में किये जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। उनके निशाने पर विपक्ष की पिछली सरकारें भी थी। जो आज किसानों की हिमायत में आवाज बुलंद कर रही है,लेकिन सत्ता में रहते हुए वह किसानों के हित में कार्य करने में नाकाम रही। इनकी सच्चाई सबके सामने है। योगी ने विधानसभा में इन विपक्षी पार्टियों की भूमिका पर भी हमला बोला। उनका कहना था कि इन पार्टियों का संवैधानिक प्रतीकों व संस्थाओं के प्रति सम्मान का भाव नहीं है।

UP नंबर वन

पिछले किरीब तीन महीने से दिल्ली सीमा पर किसानों के नाम पर आंदोलन चल रहा है। योगी आदित्यनाथ का विधानसभा में भाषण इसके दृष्टिगत भी महत्वपूर्ण था। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उ.प्र. को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की सबसे तेज शुरूआत करने हेतु वर्ष 2020-21 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में सम्मानित होने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उत्तर प्रदेश केंद्र की अनेक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में नंबर वन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में Government of UP किसान कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है।
सरकार समग्र व संतुलित विकास की कल्पना को साकार कर रही है। देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान जैसी स्कीम का सीधा लाभ मिल रहा है। यह योजना भारत के इतिहास में मील का पत्थर है। देश में लगभग ग्यारह करोड़ किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। शेष पात्र किसानों को भी इसका लाभ दिलाने का प्रयास चल रहा है। प्रधानमंत्री ने आम किसानों की आय में वृद्धि करने वाली योजना को शुरू किया। मात्र दो साल की अवधि में किरीब ग्यारह करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान करना व उन्‍हें 1.15 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा का लाभ अंतरण करना अभूतपूर्व है। यह मोदी सरकार के संकल्‍प और कार्यक्षमता को दर्शाता है। स्कीम की शुरूआत के समय सिर्फ अठारह दिनों में ही लाभार्थियों की पहचान से लेकर वेबसाइट पर देने तक पूरी प्रक्रिया संपन्न करते एक करोड़ से अधिक किसानों को दो हजार करोड़ रू. से ज्यादा राशि ट्रांसफर करने का इतिहास रचा गया था। #KisanKaSamman #PMKisan जैसी योजनाओं की पिछली सरकारें कल्पना भी नहीं कर सकती थी। आज यही पार्टियों आंदोलन को समर्थन देने के लिए दौड़ रही है।

दोगुनी होगी कृषि आय

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों के सम्बन्ध में सरकार की नीति स्पष्ट है। प्रधानमंत्री ने किसानों को ध्यान में रखकर नीतियां बनायी हैं। किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध और तत्पर है। इसकेे लिए पूरी ईमानदारी से कार्य कर रही है। कॉन्ट्रैक्ट खेती में फसल के सम्बन्ध में कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है, खेत के सम्बन्ध में नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि कॉन्ट्रैक्ट खेती विकल्प है,बाध्यता नहीं। आज वन नेशन,वन मण्डी के अन्तर्गत प्रदेश का किसान देश में कहीं भी अपना उत्पाद बेच सकता है। कृषि कानून लागू होने के बाद आज तक एक भी मण्डी बन्द नहीं हुई है। कानून ने सुविधा दी है कि किसान अपना उत्पाद,खेत, खलिहान या कहीं भी बेच सकता है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होने पर किसान को लाभ होगा। खुली प्रतिस्पर्धा से किसान के जीवन में आमूल चूल परिवर्तन आएगा। एमएसपी एक तरह की एमआरपी है। खाद्य सुरक्षा के तहत अन्त्योदय और पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को राशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार को एमएसपी पर खरीद करनी होती है। किसान इससे अधिक मूल्य पर भी अपना उत्पाद बेच सकता है।

कृषक कल्याण योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत किसान के परिवार तथा बटाईदार को भी पंकज लाख रुपए का बीमा लाभ उपलब्ध कराया गया है। कृषि में विविधीकरण को बढ़ाने के लिए प्रदेश में एग्री क्लाईमेटिक जोन्स में सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इन्फ्रास्ट्रचर फण्ड की व्यवस्था विकास खण्डों में भण्डारण सुविधाओं की स्थापना के लिए की गई है। प्रदेश के निराश्रित गोआश्रय स्थलों में करीब सवा पांच लाख गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना में निराश्रित गोवंश रखने पर किसान को नौ सौ रुपए प्रतिमाह का भुगतान किया जाता है। इसके तहत चार गोवंश रखने की अनुमति है।

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