पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार को गरीबों के प्रति समर्पित बताया था। विगत सात वर्षों में गरीब कल्याण की अनेक योजनाओं को लागू किया गया। यह सभी योजनाएं उपलब्धियों की दृष्टि से अभूतपूर्व रही है। अस्सी करोड़ गरीबों तक किसी न किसी योजना का सीधा लाभ पहुंचा है। इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने भी केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को सर्वाधिक प्रभावी रूप में क्रियान्वयन किया। पचास योजनाओं में उत्तर प्रदेश देश में नम्बर वन बन गया। योगी सरकार ने पिछले कार्यकाल का शुभारंभ गरीब किसानों के ऋण मोचन के साथ किया था। यह ऋण मोचन की सबसे बड़ी योजना थी। दूसरे कार्यकाल की शुरुआत भी गरीब कल्याण के साथ हुई है।नव गठित योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में गरीबों के प्रति समर्पण व संवेदनशीलता दिखाई गई। इसकी जानकारी स्वयं योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों को दी। उन्होंने प्रदेश के पन्द्रह करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना को जारी रखने की घोषणा की है। चुनाव के दौरान विपक्ष का कहना था कि सरकार मार्च में ही यह योजना बन्द कर देगी। योजना की अवधि बढा कर सरकार ने विपक्ष को भी जबाब दिया है।
सत्ता पक्ष के अनुसार वह चुनाव को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि जनकल्याण को ध्यान में रख कर निर्णय लेती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक बार यह कह चुके है कि देश व समाज की सेवा ही वर्तमान सरकार का उद्देश्य है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ भी इसी भावना से कार्य कर रहे हैं। लोकभवन में संपन्न कैबिनेट की पहली बैठक में औपचारिक निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नवगठित सरकार का पहला निर्णय पन्द्रह करोड़ गरीब जनता जनार्दन को समर्पित है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर नागरिक को संबल प्रदान करने के उद्देश्य से अन्न योजना प्रारम्भ की थी। अप्रैल 2020 से आज मार्च 2022 तक देश की 80 करोड़ जनता को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के अतिरिक्त मुफ्त राशन वितरण की योजना संचालित की है। मुफ्त टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका के प्रयास से कोरोना पर काबू पाया गया। महामारी से उपजने वाली भुखमरी की समस्या के निदान में मुफ्त राशन की योजना बहुत उपयोगी रही है।
अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्ड धारक पन्द्रह करोड़ प्रदेशवासी डबल इंजन की सरकार में मुफ्त राशन की डबल डोज प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना की अवधि मार्च 2022 में समाप्त हो रही थी, जिस पर विचार करते हुए नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इसे अगले तीन माह तक बढ़ाये जाने का फैसला किया गया है। राशन वितरण की पारदर्शी व्यवस्था पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि अस्सी हजार उचित दर की दुकानों पर ई-पॉश मशीनें लगी हैं। इससे सही लाभार्थी तक राशन वितरण संभव हो रहा है। योजना के अंतर्गत अंत्योदय कार्ड धारकों को राज्य सरकार द्वारा पैतीस किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है। जबकि पात्र गृहस्थी को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम खाद्यान्न मिल रहा है। इसके अलावा बीते दिसंबर 2021 से राज्य सरकार ने खाद्यान्न के साथ-साथ एक लीटर रिफाइंड तेल,एक किलो दाल और एक किलो नमक भी दे रही है। जबकि अंत्योदय श्रेणी के परिवारों को एक किलो चीनी भी प्रदान की जा रही है।