डॉ दिलीप अग्निहोत्री
राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन में स्वयं रुचि ले रही है। कुलाधिपति के रूप में वह शिक्षण संस्थानों व शिक्षाविदों के साथ अपने विचार साझा करती है,इसके साथ ही उनके द्वारा उपयोगी सुझाव भी दिए जाते है। वस्तुतः आनन्दी बेन का मानना है कि नई शिक्षा नीति ने व्यापक सुधार का अवसर उपलब्ध कराया है। इसके प्रभावी संचालन में सभी संबंधित लोगों व संस्थाओं को अपनी भूमिका का निर्वाह करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सबके लिए आसान पहुंच,समानता,गुणवत्ता वहनीयता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित है। इस शिक्षा नीति में प्रत्येक विद्यार्थी में रचनात्मक सोच,तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित कर, उसमें निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है। शिक्षा नीति के भावों के अनुरूप विश्वविद्यालयों को स्वयं को परवर्तित करके लचीले स्वरूप को व्यवहार में लाना होगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते बताया कि चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने स्वयं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में परिवर्तित करने के उपक्रम प्रारम्भ कर दिये और विश्वविद्यालय ने अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले एक हजार बारह महाविद्यालयों को भी अपडेट होने हेतु निर्देशित किया है। राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ के बत्तीसवें दीक्षान्त समारोह को राजभवन से वर्चुअली सम्बोधित किया।
भारत की बौद्धिक संपदा
इस अवसर पर आनन्दी बेन ने कहा कि दीक्षान्त समारोह से विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ता है। समाज भी अपनी बौद्धिक सम्पदा से परिचित होता है। उन्होंने कहा कि हम अपने परम्परागत ज्ञान को अद्यतन करके विश्व के सम्मुख प्रस्तुत करें और वैश्विक ज्ञान से स्वयं को भी लाभान्वित करें, तभी भारत विश्व के नेतृत्व को तैयार हो सकेगा। विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर अपनी उपलब्धियों से विशिष्ट पहचान बनाये।
आत्मनिर्भर भारत विजन
राज्यपाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत विजन के दृष्टिगत उच्च शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से अनुसंधान और उद्योग आधारित कौशल सशक्तीकरण पर केंद्रित हो,जो विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को अवसर प्रदान करेगी और अपनी क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण के साथ रोजगार के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। इसलिये आवश्यकता है कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय छात्रों के कौशल विकास की दिशा में अग्रणी भूमिका निभायें। हम विश्व के सबसे युवा राष्ट्रों में से एक हैं और युवा कामगारों की बड़ी संख्या में उपलब्धता हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। युवा शक्ति की योग्यता का निर्माण उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से ही सम्भव है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय में अनेक प्रकार की क्रीड़ा संबंधी गतिविधियों में छात्रों के साथ-साथ छात्राएं भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करती हैं और महिलाएं बढ़-चढ़कर पहलवानी के प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ में राज्य खेलकूद विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की है।
सामाजिक कार्यों में सहभागिता
आनन्दी बेन पटेल शिक्षा को आत्म विकास का एक पहलू मानती है। इसके दूसरे पहलू में सामाजिक सरोकार है। सामाजिक कार्यों में सहभागिता से ही शिक्षा सार्थक होती है। इसके लिए आनंदी बेन विद्यार्थियों व शिक्षण संस्थानों को प्रेरित करती है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को सामाजिक कार्यों में भी सहभागिता करनी चाहिए ताकि सामाजिक समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने, आंगनवाड़ी केन्द्रों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने, बेटियों की एनीमिया जांच कराने,गर्भवती महिलाओं का सौ प्रतिशत प्रसव अस्पताल में कराने तथा स्तनपान को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करें। इसी प्रकार विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों को वन कालेज वन विलेज अर्थात् कम से कम एक गांव गोद लेना चाहिए, जिससे कि गांवों की वांछित सहायता हो सके।