
राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल स्वयं भी एक आदर्श शिक्षिका रही है। इस रूप में वह विद्यार्थियों को समग्र विकास की प्रेरणा देती थी। जिससे वह शिक्षित होने के साथ ही समाज व देश सेवा के प्रति भी जागरूक बनें। आज कुलाधिपति के रूप में आनन्दी बेन ने कुलपतियों को भी ऐसी ही सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कुलपति अपने कार्य में एक आदर्श शिक्षक बनें। अपने अधीनस्थों को सिखाने के साथ साथ उन पर भरोसा भी करें। कुलपति की जिम्मेदारी है कि वह अपनी सेवानिवृत्ति से पहले अपने बाद के अधिकारियों को कार्य विशेषज्ञता तथा निपुणता का ज्ञान प्रदान करे। आनन्दी बेन ने उच्च शिक्षा में गुणवत्तापरक सुधार और नैक रैंकिंग के लिए आवेदन हेतु आवश्यक जानकारियों के उद्देश्य से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित किया। दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ उन्होंने गत दिवस किया था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपनी रैंकिंग सुधारने के प्रभावी प्रयास करने चाहिए। जिससे भारत ही नहीं दुनिया में उनकी प्रतिष्ठा बढ़े।

विश्वविद्यालय ऐसे युवा तैयार करें जो विश्व में देश का बेहतर प्रतिनिधित्व करें। शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को ज्ञानवान व समर्थ बनाने की आवश्यकता है। जिससे वह भारतीय चिंतन व संस्कृति को विश्व स्तर पर पहुंचा सकें। भारत पहले भी विश्वगुरु था। आज उसी भावना से कार्य करना होगा। नई शिक्षा नीति के द्वारा यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। नैक टीम के सदस्य विश्वविद्यालयों में जाकर भी उनके नैक आवेदन में सहायता प्रदान करेंगे। कुलपति इसमें शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों की प्रतिभागिता भी सुनिश्चित करायें। प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे ने कार्यशाला को उपयोगी बताया।
उन्होंने कहा उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए पहली आवश्यकता नैक ग्रेडिंग है। बेहतर नैक रैंकिंग से विश्वविद्यालयों को अधिक ग्रान्ट प्राप्त होती है।














