डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

यदि जनसमुदाय की संख्या व उत्साह के आधार पर आकलन करें,तो नरेंद्र मोदी की जनसभा अपने में बहुत कुछ कहती है। पिछले छह वर्षों से देश के अनेक क्षेत्रों में नरेंद्र मोदी की जनसभाओं में ऐसा ही दृश्य रहा है। परिणाम भी इसी के अनुरूप रहे है। ये बात अलग है कि पराजित विपक्ष ईवीएम पर नाराजगी निकालता रहा है,लेकिन सच्चाई यह कि ऐसा जन उत्साह विपक्षी खेमों में नहीं था।

ऐसे में जब मोदी बंगाल को आशोल पोरिबोरतोन का नारा देते है,तब यह कोई मुश्किल नहीं लगता। जनसभा की गूंज इस ओर इशारा करती है। बढ़ी संख्या में नेता तृणमूल का साथ छोड़ रहे है, नए लोग भी भाजपा का दामन थाम रहे है,यह इशारा भी साफ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं ब्रिगेड ग्राउंड से आपको इस आशोल पोरिबोरतोन का विश्वास दिलाने आया हूं। विश्वास,बंगाल के विकास का,विश्वास, बंगाल में स्थितियों के बदलने का,विश्वास, बंगाल में निवेश बढ़ने का, विश्वास बंगाल के पुनर्निर्माण का,विश्वास, बंगाल की संस्कृति की रक्षा का,
ऐसा लगा कि जनता ने उनके इस नारे पर विश्वास किया है।

यहां भी बुआ भतीजा

ममता बनर्जी अपने भतीजे को उत्तराधिकारी बना रहे है। इस संबन्ध में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि बंगाल के लाखों भतीजे भतीजियों को छोड़कर अपने भतीजे का मोह क्यों है। ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने एक ही भतीजे की बुआ होने के मोह को क्यों चुना। बंगाल के लाखों भतीजे भतीजियों की आशाओं के बजाय आप अपने भतीजे का लालच पूरा करने में क्यों लग गईं। आप भाई भतीजावाद के उन कांग्रेसी संस्कारों को छोड़ नहीं पाईं। जिनके खिलाफ आपने बगावत की थी।लोकसभा चुनाव में टीएमसी हाफ हो गई थी,लेकिन इसबार के विधानसभा चुनाव में वो पूरी तरहस से साफ हो जाएगी।

गरीबों के दोस्त

नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज कल तो हमारे विरोधी भी कहते हैं कि मैं दोस्तों के लिए काम करता हूं। हम सभी जानते हैं  बचपन में हम जहां पले बढ़े होते हैं, बचपन में जहां खेले कूदे होते हैं,जिनके साथ पढ़े होते हैं,वो हमारे जीवन भर के पक्के दोस्त होते हैं। मैं भी गरीबी में पला बढ़ा और इसलिए उनका दुख दर्द क्या है,चाहे वो हिंदुस्तान के किसी भी कोने में क्यों न हो। वह सभी हमारे दोस्त है। इसलिए छह वर्षो में करोड़ों गरीबों का जीवन स्तर ऊपर लाने का प्रयास किया गया।

बंगाल से प्रेरणा

यह सभी जानते है कि नरेंद्र मोदी बचपन से ही स्वामी विवेकानन्द, सुभाष चन्द्र बोस अरविंदो,श्यामा प्रसाद मुखर्जी आदि को आदर्श मानते रहे है। उन्होंने जनसभा में कहा कि बंगाल पूरे भारत की प्रेरणा स्थली रही है। ब्रिगेड ग्राउंड के आसपास,एक तरफ स्वामी विवेकानंद जी का जन्मस्थान है,दूसरी तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निवास स्थान है,एक तरफ महर्षि श्री ऑरोबिन्दों का जन्मस्थान है,तो दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्मस्थान है। ये कोलकाता,बंगाल पूरे भारत की बहुत बड़ी प्रेरणा स्थली है। बीते दशकों में ब्रिगेड ग्राउंड में अनेकों बार ये नारा गूंजा है- ब्रिगेड चलो। इस ग्राउंड ने अनेक देशभक्तों को देखा है। बंगाल से निकले महान व्यक्तित्वों ने ‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त किया। बंगाल की इस धरती ने ‘एक विधान,एक निशान, एक प्रधान’ के लिए बलिदान देने वाला सपूत हमें दिया।

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