रोगों से ध्यान हटाकर सकारात्मक सोच के लिए रागों का सहारा
अमित मिश्रा, मुम्बई
मुम्बई। कोरोना संकट काल में कोरोना को लेकर भय व विषाद से सबका ध्यान हटाकर गीतों के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा दिलाने के लिए बॉलीवुड के प्रसिद्ध कम्पोज़र-सिंगर शिवराम ने अनोखी पहल की व एक छोटा सा कीर्तिमान भी बना डाला। वे 101 दिनों तक हर रोज शाम आठ बजे से फेसबुक पर गीत और संगीत की ई-महफ़िल सजाते रहे और बॉलीवुड का गीत-संगीत , गज़लों से लेकर शास्त्रीय गायन तक दर्शकों के समक्ष पेश करते रहे। अपने आप में यह एक अनूठा प्रयोग रहा जो दर्शकों को बेहद पसन्द आया।
संगीत… सुर, ताल और भाव का मिलन है । संगीत हमें कहीं ना कहीं ईश्वर से जोड़े रखता है जिससे हम अपने दुख और संकट को भुलाकर सकारात्मकता महसूस कर सकते हैं। लॉकडाउन के समय में सबसे ज़्यादा ज़रूरी था देश को और देशवासियों को सकारात्मक बनाये रखना। शिवराम ने यही किया ।
उनका मानना है कि संगीत एक ऐसी कला है जिससे आप सकारात्मकता महसूस कर सकते हैं। वो बताते हैं कि जब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लॉकडाउन का ऐलान किया तब उनके मन में ये ख्याल आया कि संगीत की सहायता से सबको मैं सकारात्मकता दिलाने की क्यों न कोशिश करुं। इससे लोगों का समय भी अच्छा कटेगा और थोड़ी देर के लिए ही सही , कोरोना संकट को भुलाकर दर्शक अपने घर में अपने परिवार के साथ एकत्रित होकर बॉलीवुड की म्युज़िकल दुनिया को काफी करीब से समझ भी पाएँगे। उनका मनोरंजन भी होगा सो अलग।
शिवराम के अनुसार भारतीय शास्त्रीय संगीत में बहुत सारे राग हैं तो पहले मैंने शुरुआत राग की बारीकियां बताने को लेकर ही की ताकि लोग इसे बेहद करीब से जानें । लगभग 45 से 50 दिनों तक मैंने बॉलीवुड में बने रागों पर आधारित गीतों के बारे में चर्चा की और लाइव गाने सुनाए। भारतीय शास्त्रीय संगीत रूह को छूने वाला संगीत है और उसके बिना गाने का लोकप्रिय होना लगभग नामुमकिन है। इसको भी मैंने दर्शकों तक पहुंचाया। उसके बाद मैंने बड़े-बड़े संगीतकारों – गायकों के जीवन, उनके संघर्ष, उनका गाने या म्युज़िक का तरीका आदि बताते हुए उनके भी गाने मैंने सुनाए। ताकि इस कठिन समय में सब लोग व कलाकार धीरज बनाए रखें और कोई भी किसी भी कारण से हताश व्यक्ति किसी तरह का ग़लत कदम ना उठाए। फिर कुछ लोकप्रिय कलाकारों को चुनकर उन पर विशेष सेशन भी मैंने किए। इस सेशन को सिर्फ मनोरंजन हेतु ना रखते हुए मैंने काफी हद तक पूर्ण संगीत की बारीकियां व ज्ञान को भी प्रस्तुत करने की कोशिश की।
शिवराम ने आगे बताया कि इन 101 दिनों में करीब 800 के आसपास गाने मैंने सुनाए। जिनमें काफी गाने राग आधारित थे तो कुछ थीम आधारित भी थे। उनके लाइव सेशन में काफी लोग पूरे भारत से जुड़ते रहे थे और कई लोग तो भारत के बाहर से भी जुड़े । अब देखना ये है कि इनकी देखादेखी और लोग भी इस ढंग का कितना व कब तक सकारात्मक प्रयास करते हैं। फेसबुक सिर्फ समय नष्ट करने की चीज़ नहीं उसका सदुपयोग भी कैसे किया जा सकता है ये शिवराम जी ने अपने सरगमीं व म्युज़िकल तरीके से सबको समझा दिया।