सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात
INS ‘विराट’ एक ऐसा नाम जो करीब 30 सालों तक भारतीय नौ सेना की आन बान और शान रहा हैं। INS ‘विराट’ को 6 मार्च 2017 को ही भारतीय नौ सेना से सेवा मुक्त कर दिया गया था। लेकिन अब भारतीय नौसेना से रिटायर विमानवाहक पोत INS ‘विराट’ मुंबई से अपनी आखिरी यात्रा पर रवाना हो चुका है। इसे गुजरात के भावनगर स्थित अलंग ले जाया जा रहा है। जहां दुनिया के सबसे बड़े शिप ब्रेकिंग यार्ड में तोड़ दिया जाएगा।
ये जहाज भारत से पहले ब्रिटेन की रॉयल नेवी में एचएमएस हर्मिस के रूप में 25 साल तक अपनी सेवाएं दे चुका था. इसके बाद 1987 में INS विराट को इंडियन नेवी में शामिल किया गया.
डीकमीशनिंग के बाद, जहाज पिछले तीन वर्षों के लिए नौसेना के डॉकयार्ड मुंबई में खड़ा कर दिया गया था। गुजरात की एक फर्म श्रीराम शिपिंग कंपनी के लिए 38.54 करोड़ रुपये की ई-नीलामी में उसकी नीलामी हुई।
करीब 15 सौ नौसैनिक रहते थे तैनात
हिंदुस्तान के पराक्रम का प्रतीक रहे ‘INS विराट’ पर सी हैरियर लड़ाकू विमान तैनात रहते थे। यह जहाज एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट से भी लैस था। इस पर करीब 15 सौ नौसैनिक हर समय तैनात रहते थे। इसने देश की पूर्वी और पश्चिमी समुद्री सीमा में अपनी सेवा दी। वर्ष 1987 में सेवा में आने के 30 साल बाद यह सेवा से रिटायर हो गया।