सलिल पांडेय, मिर्जापुर
- नेवढ़िया से भेजा गया न्यौता तो यमदूत आ टपके
- सरकारी तंत्र दो को तो पब्लिकतंत्र चार को ले जाने का कर रहा दावा
- दो ही पारिवारिक लाभ की योजना पा सकेंगे
मिर्जापुर । शराब तो ‘यमराज-ब्रांड पेय पदार्थ अपने आप ही है लेकिन उसमें भी अवैध रूप से जब कच्ची शराब का प्रचलन जहां होता है, वहां यमदूत अपना कैम्प कार्यालय खोल ही देते हैं।
सालों से नेवढ़िया गांव में मौत लगाए थी घात
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सिटी ब्लाक (मझवां विधानसभा) का गंगा किनारे बसा गांव है नेवढ़िया। यहां भवसागर से पार कराने के लिए पवित्र गंगाजल की जगह कच्ची शराब को ही कुछ लोगों ने पवित्र पेय-पदार्थ मान लिया है। इसी के चलते फिलहाल तो 4 जिंदगी शराब की भट्टी में भस्म हो गई लेकिन प्रशासन 28 फरवरी/एक मार्च की रात में मृत हुए दो को ही मृत इसलिए मान रहा है क्योंकि एक मार्च को छेदी उर्फ बमबम (55) एवं महेश (25) का पोस्टमार्टम हो सका जबकि राजाराम तिवारी (65) एवं गंगाउत के सुरेश मिस्त्री (45) की मृत्यु 27/2 को ही हो गई और आनन-फानन में डरवश दाह कर दिया गया था।
एक मार्च को नेवढ़िया में लगा अफसरों का डेरा
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सोमवार को पोस्टमार्टम में महेश की गांव में ही किसी प्राइवेट डॉक्टर के ड्रिप चढ़ाने के दौरान एक बजे रात मृत्यु हो गई जबकि छेदी की मृत्यु मंडलीय अस्पताल में तड़प-तड़प कर हो गई। खबर लीक होने पर हल्ला मचा वरना इन दोनों को भी आनन-फानन जलाने की तैयारी हो रही थी। खबर फैलते ही पूरे दिन बड़े ऑफिसरों का डेरा सुबह से देर रात तक जमा रहा। सबसे पहले DM श्री प्रवीणकुमार लक्षकार एवं SP श्री अजय कुमार सिंह गांव में पहुंच गए। घण्टों वहीं डेरा जमाकर लौट रहे थे तो रास्ते में कमिश्नर श्री योगेश्वरराम मिश्र एवं IG श्री पीयूष कुमार श्रीवास्तव को आते देखा तो दुबारा फिर गए। टॉप लेविल ऑफिसरों के जाने से पूरे दिन यहां प्रशासनिक मशीनरी डटी रही।
पंचायत चुनाव
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पंचायत चुनाव का बिगुल बजते सबसे पहले उसकी आवाज शराब के धंधेबाजों को सुनाई पड़ती है। इस गांव में चार-पांच साल पहले अवैध शराब की बड़ी धड़पकड़ हुई थी। ताजा घटना में जिस शख्स को पकड़ा गया है, उसके दो चचेरे भाई भदोही जिले के उंझ क्षेत्र की एक घटना में कई सालों से जेल में हैं। इसमें एक की पत्नी प्रधान बताई जाती है। ताजा घटना में जिसे पुलिस पकड़ना चाह रही थी, वह तो चकमा दे गया लेकिन भाई हत्थे लग गया है।
चुनावी वैतरिणी और खेत में भट्ठी
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चुनावी-वैतरिणी अवैध-शराब की नदी से ही अब ज्यादा पार होती है। एक दशक पहले ऐसे ही पंचायत चुनाव में एक शराब की नदी चील्ह ब्लाक में प्रवाहित हुई थी जिसमें भी एक दर्जन को यमदूत लपक ले गए थे। बहरहाल SDM, सदर श्री गौरव श्रीवास्तव को हादसे की जांच की जैसे जिम्मेदारी दी गई तो वे पहले ही दिन 9 बजे रात तक गांव में डटे रहे। दो परिजनों को पारिवारिक लाभ मिलेगा। 27/2 को मृत पर खुद ही दाह करने वालों में राजाराम तिवारी पाषाण विभाग से हटाए गए कर्मचारी थे तो सुरेश की पत्नी सफाई कर्मी है। पोस्टमार्टम होने वालों में दोनों गंगा में जाल डालकर मछली फंसाने का काम कर आजीविका चलाते थे। इस वाकये के जिस मुख्य पात्र को पुलिस दबोचना चाहती है, वह डीजल वाली बड़ी नांव संचालित करने का काम करता है। 45 साल पहले भी नेवढ़िया गांव भी चर्चित हुआ था ताजा मामले की तरह दो पक्षों के बीच हुए नरसंहार के वक्त भी यह गांव सुर्खियों में आया था।
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