डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

सीमा पर चीन की हरकतों के बाद से ही भारत में गुस्सा दिखाई दे रहा है। लोग चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार कर रहे है। विकल्प के रूप में गाय के गोबर से निर्मित मूर्तियों व दीपकों का उत्पादन किया जा रहा है। गाय के प्रति भारतीय समाज की आस्था है। योगी आदित्यनाथ ने बड़ी संख्या में गौ संरक्षण स्थल बनवाये है। जो गाय दूध नहीं देती,वह भी किसी पर बोझ नहीं होती। उसका गोबर व मूत्र अनेक उत्पाद व औषधि बनाई जा रही है। सरकार इसको प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा मिट्टी के दीपक भी रोजगार का सृजन करते है। ऐसे में दीपावली पर चीन निर्मित सामानों के बहिष्कार का संकल्प लेना चाहिए। लखनऊ में इस प्रकार का अभियान भी शुरू किया गया है। आलमबाग स्थित मुंडावीर मंदिर नगर में सेवा भारती से संबंध सखी स्वयं सहायता समूह द्वारा गाय के गोबर से निर्मित भगवान गणेश और लक्ष्मी एवं दीपक, स्वदेशी झालर एवं मिठाईयाँ की प्रदर्शनी का शुभारंभ महापौर संयुक्ता भाटिया ने किया।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का अपना ही महत्व है, गाय के गोबर से बने इन नए उपयोगी चीज़ों से दूध न देने वाली गायों के संरक्षण में भी सहायता मिलेगी साथ ही दीपावली के मौके पर लोग चीन से आयातित दीपों की जगह इन दीपकों से अपने घरों को जगमगा सकेंगे, महापौर ने संस्था द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे गौरक्षा व गाय के कल्याण तथा विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रयास से दूध न देने वाली बूढ़ी व दूसरी अन्य गायों के गोबर का भी सदुपयोग किया जा सकता है। महापौर ने आगे बताया कि नगर निगम द्वारा भी गौशाला की गायों के गोबर से इन चीज़ों का निर्माण किया जा रहा है, इससे स्वदेशी चीज़ों को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर क्षेत्र सेवा प्रमुख नवल जी,प्रान्त सेवा प्रमुख देवेंद्र अस्थाना,सह प्रान्त कार्यवाह प्रशांत,सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी, सह विभाग कार्यवाह बृजेश,विभाग संघचालक सुभाष अग्रवाल,विभाग कार्यवाह श्याम,नगर कार्यवाह देवेंद्र,पार्षद रेखा भटनागर सहित अन्य जन उपस्थित रहे।

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