संदीप सिंह
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में बेसिक शिक्षा में निरन्तर सुधारात्मक कार्य किये जा रहे है। सकारात्मक दिशा में कार्य करने के लिये इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। लक्ष्य को पूरा करने के लिये सकारात्मक रहना जरूरी है। शिक्षक एवं शिक्षकाओं का बच्चों के साथ बेहतर व्यवहार होना चाहिए। शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सकारात्मक सोच रखते हुये बच्चों को शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश बनाने के लक्ष्य को निर्धारित समय में पूरा किया जाये।
यह बाते श्री सिंह आज यहाँ इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हॉल में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद लखनऊ द्वारा आयोजित अभिप्रेरण एवं सकारात्मक चिंतन विषय पर कार्यशाला में
व्यक्त किए. उन्होने कहा कि शिक्षक बच्चों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में होता है। शिक्षक एवं शिक्षिकायें इस कार्यशाला के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिये जो भी नई-नई जानकारी दी जा रही है। उसको ध्यान से प्राप्त करते हुये बच्चों को पढ़ाने का कार्य करे। उन्होने कहा कि एस0सी0ई0आर0टी के नेतृत्व में कई डायटस बेहतर कार्य कर रहे है। 05 डायटस को सेन्टर ऑफ एक्सिलेन्स के रूप में विकसित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
इस अवसर पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कक्षा 6, 7, 8 की गणित विषय की शिक्षक संदर्शिका (उपचारात्मक शिक्षण हेतु) रिमीडियल शिक्षण हेतु तथा बच्चों के लिए उपचारात्मक कार्यपुस्तिका ‘मेरी प्यारी गणित’ का विमोचन किया। यह शिक्षक संदर्शिकायें शिक्षकों को गणित विषय की नई-नई विधियों से पढ़ाने एवं कार्यपुस्तिकायें बच्चों को अभ्यास के पर्याप्त अवसर प्रदान करेंगी। इसके गणित विषय के प्रति बच्चों की रूचि को बढ़ाया जा सकेगा। उन्होने इस अवसर पर A Handbook on English Grammer For Teachers का विमोचन किया। कक्षा 1 से 8 के शिक्षकों हेतु तैयार की गयी अंग्रेजी ग्रामर की यह पुस्तिका शिक्षकों को अंग्रेजी शिक्षण में मदद करेगी।
निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ डा0 अंजना गोयल ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से जो जानकारी प्राप्त करें और वह अपने-अपने संस्थानों में बेहतर ढंग से लागू कराये जिससे छात्र-छात्राओं को बेहतर ज्ञान प्राप्त हो सके। मोटीवेशन सामाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन में महत्वपूर्ण होता है। उन्होने बताया कि कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों के मोटिवेशन तथा सकारात्मक चिन्तन के विकास हेतु दो सत्र आयोजित किये गये।
प्रथम सत्र में i-Theories of Motivation, ii-Importance/Non-importance of money in motivation, iii-Steps to be taken to face negativity and de-motivation, iv-Positive thinking, v-Keys to happiness, vi- Maturity तथा द्वितीय सत्र में i-Conceptual Framework of Ethics, ii-Theories, iii-Values, iv-Contextual Framework, v-Difference between ‘right’ and ‘correct’ पर चर्चा की गयी।
इस अवसर पर सन्दर्भदाता भारतीय रेल यातायात सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री गौरव कृष्ण बंसल ने कहा कि शिक्षक छात्रों की शिक्षा का नींव होता है, शिक्षक ही बच्चों के भविष्य को बनाने का कार्य करता है। उन्होने यह भी कहा कि कार्य को मेहनत एवं ईमानदारी से करना चाहिए। शिक्षक छात्र को बेहतर शिक्षा प्रदान करने का कार्य करे जिससे छात्र शिक्षक का नाम जहाँ जाये वही चर्चा करे। उन्होने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।
अपर राज्य परियोजना निदेशक सम्रग शिक्षा श्री मधुसूदन नागराज हुल्गी ने कहा कि डायट के द्वारा जो सामाग्री दी जाती है उसका अध्ययन शिक्षकों को करना चाहिये उसके बाद शिक्षक बच्चों को सही ढंग से शिक्षा प्रदान करने का कार्य करे। उन्होने कहा कि डायटस का रोल ऐसे शिक्षकों को तैयार करने में बहुत महत्वपूर्ण है जो अपने-अपने विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान करके भविष्य के लिए अच्छा नागरिक बना पाते है।
संयुक्त निदेशक एस.एस.ए. डा0 पवन संचान ने कहा कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उ0प्र0 लखनऊ द्वारा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे है। आज की इस कार्यशाला में श्री गौरव कृष्ण बंसल सन्दर्भदाता भारतीय रेल यातायात सेवा के वरिष्ठ अधिकारी जी द्वारा बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की विस्तार से जानकारी दी जायेगी। उन्होने बताया कि श्री गौरव कृष्ण बंसल एक स्थापित अन्तर्राष्ट्रीय कवि, लेखक तथा सामाजिक- राष्ट्रीय चिन्तक भी है।
कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों को सहायक शिक्षा निदेशक श्रीमती दीपा तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती वन्दना डबराल ने किया। इस अवसर पर कार्यशाला में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक आदि उपस्थित रहे।