डॉ आलोक चांटिया अखिल भारतीय अधिकार संगठन

मानव ने जब संस्कृति बनायीं तो उसके पीछे आज तक यही दलील दी जाती है कि मानव ने अपनी किया पर जैसे दुनिया गोल है वैसे ही कुछ भी कर लीजिये आना फिर वही पड़ता जिस मानव ने सुरक्षा के लिए संस्कृति बनायीं थी वही संस्कृति में मानव फिर सबसे ज्यादा असुरक्षित हो गया है मुंडे मुंडे मतिर भिन्ना ेमुहावरे को भी मानव ने इतनी खूबसूरती से सिद्ध किया है कि आज हर मानव अपने से इतर संस्कृति को सम्पत करने के लिए बंदर के हाथ में उस्तुरा थमा कर सभी में भाई भाई होने का सन्देश देने की पूरी कोशिश कर रहा है पूरी दुनिया में एक परम्परा सी है कि हर देश में आदमी की गिनिती भी हो और यह साबित हो कि वो मेरे ही देश का है और ऐसा हो भी क्यों न जब एक माँ पिता अपने बच्चो से ज्यादा भतीजे भतीजी को नहीं छह पाते है या कोई भी व्यक्ति सिर्फ शक होने पाने पर कि पैदा होने वाला बच्चा उसका नहीं है या फिर अस्पताल में बदल तांडव करता है ये कहने का मतलब है कि हम आपको कम समझदार मान रहे है लेकिन आपकी समझदारी को कोई चुनौती नहीं दे सकता क्योकि आप मानव है और आपको ही पता है कि कैसे अपनी जाती के मानव को इस दुनिया खत्म करना है आखिर आज आदमी होना इस दुनिय ामे जरुरी है या फिर धर्म और इसी लिए अब हम आदमी के लिए धर्म के लिए जी रहे है और सबसे बड़ा धर्म यही बन गया है कि जो देखे उसको मार दो जो अपने धर्म का न अलगे उसके लिए ाधर्मी हो जाओ और मार दो और मारने के बाद भी दुखी होने की क्या जरूरत जब दुनिया खत्म होगी तो खुद ऊपर वाला सबका हिसाब लेगा तो हम क्यों चुके जो मिले उसको ही मारो और मर जाने पर दुःख कैसा जो आया है वो जायेगा ही इस दुनिया में कौन रुक पाया है और फिर ये शरीर तो मिटटी का है अमर तो आत्मा है जो अजर अमर है जिसको न कोई काट सकता है न भ सख्त अहइ न गला सकता है ना जला सकता है।

ऐसे में जो मरा वो तो मिटटी मरी है भला आत्मा को कौन मार पायेगा और इसी लिए आधुनिक संत ( नेता ) किसी भी जानत एके मरने में क्यों शोक करें और शोक तो कमजोर लोग वीर पुरुष के लये ऐसे मरना एक शान की बात है और वैसेभी जनसँख्या इतनी बढ़ गयी है कि कीड़े मकोड़े की तरह जीने से तो बेहतर है कि किसी कारण से मर लिए शोक करे भी क्योआखिर उन्ही कारण तो अपना देश पूरी दुनिया के समाचार पत्रों में छा गया हर्रा लगी ना फिटकरी और रंग भी चोखा और दुनिया में जो भी होता है उसके पीछे ऊपर वाले की कोई न कोई मर्जी जरूर होती है बिन ाकिसी कारन के इस पृथ्वी पर एक पत्ता तक नहीं हिलता है तो जो लोग भी मर रहे है उनको मरने के लिए ही भेजा होगा और ऐसा जब हु अहइ तो हम सब को यह कि कौन धर्म जाति ज्यादा मरे ही तो पता क्या हम सब ऐसे ही मरेंगे या फिर हमको कोई बचाएगा भी और बस कलयुग में प्रजातंत्र का चुनाव अपना सुदर्शन चक्र लेकर प्रकट हो जाएगा चेरापूंजी में होने वाली बरसात की तरह ही आप जान जायेंगे कि अपना बदला तो सिर्फ वोट देकर ही निकला जा सख्त अहइ बस आप देखेंगे कि अपनी शक्ति से आपके तर्क के बाण चलेनेगे आप एक अर्जुन की तरह बिना कोई मोह में पड़े बस उसके साथ युद्ध करेंगे जिससे आप कौरव ( जो आपके धर्म और जाति का न हो पार्टी का ना हो ) को हरा कर हस्तिनापुर ( जहा चुनाव हो रहा हो ) को सही हाथो में सौप से और ऐसा आप इस लिए भी करेंगे क्योकि को नृप होय हमें का हानि वाला सिद्धांत भी तो स्थापित करना है इसी लिए जो मर रहा है उसे मरने दीजिये क्या कभी आज तक किसी ने चींटी के मरने पर अफ़सोस किय अहइ या घर के उस सामान को फेका है जिसमे चींटी मरी हो और फेके भी तो क्यों जिसके अस्तित्व का ही कोई मतलब न हो उसके लिए दुःख कैसा और चींटी जैसी जनसँख्या को बढ़ा कर अब चींटी जैसी जिंदगी ही जीना भी पड़ रहा है तो दुःख कैसा आखिर इस दुनिया में ही रहना ऐसे रहने का क्या फायदा जब पैदा नहीं करेंगे तो वंश आपकी जाति धर्म के लिए लड़ने वाले कल कहा से आएंगे।

बस यही तो मानव धर्म तो लाखो किसी नंगे मानव ने प्रकृति को देख कर संस्कृति बनायीं होगी और संस्कृति का मतलब ही मरना मारना ही तो आप अब समझ में आता है इस लिए आप को आज भी यही कि आप को जंगलीपन भी आप किसी को कही भी मार सकते है लगे तो आपके पार एक लम्बी विरासत आप ही मानव इतिहास के क्योकि को मारा ही नहीं तो कल को लोग कहेंगे कि वो लोग कौन थे और आप जंगली के टैग से हैट जायेंगे ऐसा होना आपको गंवारा नहीं है इस लिए देखिये रोज कुछ लोगो को मारिये जरूर ताकि य एकहि लगे कि मानव अपने जनगीपन वाले अतीत को भूल चूका है वो अब जानवर नहीं है बल्कि वास्तव में एक सभ्यइंसान है जो जानवर नहीं है पर ऐसा करने से तो धर्म ही खत्म हो जायेगे और उनको जरुरी है कि आप जो आएगा वो जायेगा अमर है मरने दो काटने दो यही तो पर कभी भी जानवर होने से दूर मत जाइएगा ये सिद्ध होता रहे कि मानव ने जानवर से प्रेम करना कभी इसी लिए वो इस दुनिया का अद्वितीय प्राणी है तो बात की देखिये आप जानवर बाने के लिए कितना समय लेट है और खबराइये नहीं क्योकि आप मरेंगे आत्मा आपकी जिन्दा रहेगी

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