पूर्वांचल में ब्राह्मण वोट की लड़ाई, सपा को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने भानु प्रकाश मिश्र को आगे किया

भानु प्रकाश मिश्रा पूर्वांचल में ब्राह्मणों के कद्दावर नेता हैं, जो सपा के टिकट से गोरखपुर सदर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें दूसरा स्थान मिला था।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों 2022 में सियासी दलों के बीच ब्राह्मण वोटों की लड़ाई चल रही है। खासकर पूर्वांचल में, जहां ब्राह्मण मतदाता चुनावों का रुख बदलने का माद्दा रखता है। समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर के लोकप्रिय ब्राह्मण परिवार हरिशंकर तिवारी के बेटों भीष्मशंकर तिवारी और विनय शंकर तिवारी को साइिकल पर सवार किया। सपा तिवारी परिवार के जरिए पूर्वांचल के ब्राह्मण मतदाताओं में पैठ बनाने की कोशिश की। जिससे बीजेपी में हलचल मची। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ब्राह्मण विरोधी का तथाकथित आरोप लगता रहता है। ऐसे में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को मात देने के लिए पूर्वांचल में कभी उसके कद्दावर ब्राह्मण नेता रहे भानु प्रकाश मिश्र को अपनी पार्टी में शामिल कराया।

भानु प्रकाश मिश्र पूर्वांचल में ब्राह्मणों के कद्दावर नेता हैं, जो सपा के टिकट से गोरखपुर सदर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें दूसरा स्थान मिला था। हालांकि, उन्हें 27 हजार से अधिक वोट मिले और उन्होंने अच्छी लड़ाई लड़ी। वहीं अब बीजेपी ने उन्हें अपनी  पार्टी में शामिल कर ब्राह्मणों को संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी में ब्राह्मणों का सम्मान ज्यादा होता है। खुद भानु प्रकाश मिश्र भी कह चुके हैं कि समाजवादी पार्टी की कथनी और करनी में अंतर है। सपा ब्राह्मण विरोधी पार्टी है। बीजेपी इकलौती पार्टी है, जहां ब्राह्मणों का अधिक सम्मान होता है।

खबरों की मानें तो बीजेपी भानु प्रकाश मिश्र को गोरखपुर से विधानसभा का टिकट दे ब्राह्मणों को संदेश दे सकती है कि वहां ब्राह्मणों का अधिक सम्मान है। अगर ऐसा होता है तो विधानसभा चुनावों में ब्राह्मण वोटरों को रिझाने के लिए भानु प्रकाश मिश्र और तिवारी परिवार के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल सकता है।

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