सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
गुजरात का समुद्री और तटीय इलाका पिछले कुछ सालों से लगातार कई चक्रवात का सामना कर रहा है, हनुमान हर साल की किसी न किसी चक्रवात का खतरा गुजरात के तटीय इलाकों में मंडराता रहता है लेकिन अब इस चक्रवात से डरने की जरूरत नहीं क्योंकि देश की Army, navy , Air force, Ndrf, SDRF, nagar nigam सहित तमाम एजेंसियां अब आपस में तालमेल बिठाकर एक साथ चक्रवात का सामना करने को तैयार और उसी की एक एक्सरसाइज हमें पोरबंदर की समुद्री किनारे पर देखने को मिली।
पोरबंदर के समुद्री किनारे पर संयुक्त विमोचन 2024 exercise के तहत, ओखा और पोरबंदर के बीच आए चक्रवात का मुकाबला करना था जहां airforce के जवान हेलीकॉप्टर से फंसे हुए लोगों को लिफ्ट करते हुए दिखाई दिए तो वही नेवी के जहाज समंदर में फंसे मछुआरों और लोडर बचाते हुए दिखाइ दिए.
कठिन से कठिन परिस्थिति ने एक दूसरे के साथ तालमेल रखने और आंधी तूफान बाढ़ सुनामी या भूकंप जैसी कुदरती आपदा या men made disater से निपटने के लिए पलक झपकते ही एक कंट्रोल रूम तैयार कर दिया गया , वायनाड की तरह ही देखते ही देखे यहां पर बेली ब्रिज भी तैयार कर दिया गया, तो वही आंधी और तूफान के गुजर जाने के बाद तबाह हो चुकी बस्तियों में जल्दी से जल्दी कैसे राहत की सामग्री पहुंचाई जा सकती है उसकी भी एक बानगी हमे यहां में देखने को मिली
दो दिनों की इस एक्सरसाइज में पहले दिन टेबल टॉप एक्सरसाइज की गई और आपसी कोऑर्डिनेशन कर ये बता दिया कि सभी सेंट्रल और स्टेट एजेंसीयों अपनी स्टडी अपने इंटेलिजेंस और अपने सर्वे और फाइंडिंग से फैक्ट और फिगर के जरिए आपातकालीन स्थिति में ग्राउंड जीरो पर की जा रही मदद को और ज्यादा कारगर बना सकते है और यही वजह है कि पेपर जय जैसे खतरनाक चक्रवात में भी एक भी कैजुअल्टी नहीं देखी गई ।