सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
सूरत पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी हैं। गुजरात के सूरत शहर में दो लोगों को कथित तौर पर एक वेबसाइट का उपयोग करके आधार और पैन कार्ड के साथ-साथ मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेजों में जालसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पुलिस ने कहा कि ऐसे मामले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इसी को दकहते हुए इस घटना में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
सूरत पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने कहा कि यह आरोपी सरकारी डेटाबेस तक पहुंच बना रहे थे। यह मामला अवैध प्राधिकरण का मामला है और देश के लिए एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि आरोपियों ने आधार और पैन कार्ड जैसे लगभग दो लाख पहचान प्रमाण दस्तावेजों की जालसाजी की और उन्हें प्रत्येक को 15 रुपये से 200 रुपये में बेच दिया।इस मामले की शिकायत बैंक द्वारा की गई थी जिसमे लोग बैंक से लोन लेकर फरार हो जाते थे जब ऐसे लोगो की शिनाख्त की गई तो पुलिस को ज्ञात हुआ कि जो लोग लोन लेकर पलायन हुए थे उनके दस्तावेजों की जांच की गई तो मामला फर्जी दस्तावेज बैंक में जमा करने का सामने आया पुलिस ने जब इस मामले की तहकीकात की तो खुलासा हुआ की इन बैंक के डिफाल्टर लोगों ने एक ही जगह से दस्तावेज बनवाए थे पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वालों की खोजबीन शुरू की तो पुलिस भी हैरान हो गई इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है दिन में से एक शख्स को गंगानगर से और दूसरे शख्स को उत्तर प्रदेश के उन्नाव से गिरफ्तार किया गया है यह दो लोग फर्जी दस्तावेज बनाने वाली गैंग के मुख्य सरगना है राजस्थान के गंगानगर से सोमनाथ और उन्नाव से प्रेमवीर सिंह नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया है यह दोनों आरोपी फर्जी दस्तावेज एक वेबसाइट के माध्यम से बनाते थे वेबसाइट की जब जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने अब तक 2 लाख से अधिक नकली दस्तावेज बनाए हैं यह नकली दस्तावेज लोगों को यह रुपया लेकर बनाकर देते थे और यही दो लोग इस वेबसाइट के संचालक थे पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि इन्होंने डेटाबेस में सेंध तो नहीं लगाई है.