विनोद सिंह, गुजरात
गुजरात का नाम अंगदान के इतिहास में दर्ज हो गया यहाँ एक नवजात ने अपनी मौत के बाद 6 लोगों को जीवन दान दिया
- मात्र 4 दिन की जिंदगी जीने वाले इस नवजात को डॉक्टर ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था
- 111 घण्टे की जिंदगी जी इस नवजात ने और 6 लोगो को जीवन दान दे गया
- दो किडनी ,लीवर ,और आंखों का दान दिया इस नवजात के परिजनों ने
गुजरात के सौराष्ट्र के अमरोली जिला और सूरत में स्थित सरथना में रहने वाले हर्ष और चेतना संघाणी को 13 अक्टूबर को एक पुत्र हुआ था। जन्म लेने के बाद नवजात के शरीर में कोई हलचल नहीं थी। डॉक्टरों ने बच्चे को निगरानी में रखा। जन्म लेने के 111 घंटे के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने देखा कि जन्म के वक्त बच्चे के रोने की आवाज भी नहीं आई। बच्चे को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद शहर की जीवन दीप ऑरगन डोनेशन संस्था ने परिवार से संपर्क किया और परिवार को अंगदान के लिए राजी किया,हालांकि संघानी परिवार के लिए यह आसान नहीं था, लेकिन आखिर में परिवार में दूसरे लोगों को नई जिंदगी देने का फैसला किया। इसके बाद अंगदान की तैयारी की गई। संस्था की मानें तो यह संघानी परिवार ने अपने 4 दिन के नवजात शिशु के अंगों को दान करके कीर्तिमान स्थापित किया। दोनों किडनी और तिल्ली आईकेडीआरसी अहमदाबाद, लीवर दिल्ली आईएलडीएस हॉस्पिटल और आंख लोकदृष्टि चक्षुबैंक सूरत को दिया गया है।इतनी कम उम्र में अंगदान पहले कभी नहीं हुआ है। यह अंगदान भारत के इतिहास में दर्ज हुआ है। इसके साथ ही यह बच्चा सबसे कम उम्र का ऑर्गन डोनर बन गया है।
जब परिवार ने अपने नवजात बच्चे का अंग दान किया तो हॉस्पिल परिसर में भारत माता की जय के नारे भी लगे। डॉक्टरों का कहना है कि नवजात शिशु के अंगों से 8 से 10 महीने के बच्चों की जिंदगी बचाई जा सकेगी।