सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
- मोराराजी बापू ने भी आलोचना.
- वकील ने भेजा नोटिस
- सालंगपुर हनुमान मंदिर में बजरंग बली की विशाल प्रतिमा के निचे बने दिवार चित्र में हनुमानजी को स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी सहजानंद का दास बताया गया जिस पर छिड़ा पूरा विवाद
यु तो साळंगपुर का हनुमान मंदिर हनुमान भक्तो की भीड़ और श्रध्दा के लिए चर्चा में रहता है जहा न सिर्फ गुजरात से बल्कि देश के कई राज्यों से भक्त हनुमानजी के दर्शन के लिए आते है लेकिन यही मंदिर एक विवादित चित्र के वजह से इन दिनों काफी विवादों में घिरा है। कुछ दिन पहले एक हिन्दू संगठन की आपत्ति से शुरू हुआ विवाद आप इतना ज्यादा बढ़ गया है की इसे लेकर पुलिस में शिकायत और कोर्ट की नोटिस तक भेजने की बात सामने आ रही है.
कल ही वीएचपी और बजरंग दल ने मंदिर में पहुंच कर इस मामले आपत्ति दर्ज कराई जिसके बाद विवाद ने और जोर पकड़ लिया है , आपको बता दे की सालंगपुर मंदिर में 54 फिट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना हुई है जिसका अनावरण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हाथो हुआ था, मूर्ति के ठीक नीचे दीवार पर बने चित्रों में से एक चित्र में हनुमानजी को स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी सहजानंद का दास बताते हुए प्रणाम मुद्रा में बताया गया जिसे कुछ हिंदू संगठन के लोगो द्वारा देखे जाने और आप्पति उठाने के बाद विवाद की शुरुआत हुई। और बात जैसे जैसे बढी इस मामले के विरोध में राज्य के तमाम संत आगे आए और कड़ी निन्दा तक की गई ,
इसी कड़ी में मोरारजी बापू का बयान सामने आया जिन्होंने इस चित्र की आलोचना करते हुए कहा की कुछ लोग खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए भगवान को भी झुका देते है।
इस पूरे मामले के तूल पकड़ने के बाद और सोशल मीडिया में इस बात की काफी चर्चा होने के बाद सनातन धर्म सेवा समिति ने भावनगर के सीहोर थाने में लिखित में शिकायत भी दी है। वही राज्य के कई हिंदू संगठनो ने चेतावनी दी है की अगर 1 सितंबर तक उस चित्र को वहा से हटाया नहीं गया तो सभी संगठन, संत और धर्म गुरु बोटाद के सालंगपुर मंदिर पहुंचकर उग्र विरोध करेंग। इसी मामले में राजकोट के एक वकील ने मंदिर प्रबंधन को लीगल नोटिस भी भेजी है.