राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र भाव की प्रेरणा दी. उन्होंने सदन में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण को सुनिश्चित करने वाले विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम‘ के पारित होने जाने की चर्चा की. कहा कि ये लोकतंत्र में जनता के भरोसे को मजबूत करेगा। उन्होंने अपने सम्बोधन में वैश्वीकरण के दौर में शिखा के बदलते परिदृश्य, जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय संस्कृति और विरासत की वैश्विक पहचान, ‘वसुधैव कुटुम्बकम‘ की भावना का प्रसार जैसे विविध महत्वपूर्ण विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों का ध्यान भारत की आवश्यकताओं की ओर आकर्षित करते हुए इन्हें विश्वविद्यालय स्तर और जनभागीदारी से सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया।
आनन्दी बेन प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज के दीक्षान्त समारोह से समारोह को संबोधित कर रहीं थीं. छात्राओं ने कुल पदकों में 63 प्रतिशत जबकि छात्रों ने 37 प्रतिशत पदक हासिल किए।
उन्होंने पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं के बड़े प्रतिशत को देखकर शैक्षिक उन्नति में समर्पण के साथ उन्नति करती महिलाओं के सशक्तिकरण पर प्रसन्नता व्यक्त की.
राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को जीवन में सफलता के लिए कठिन परिश्रम, सहनशीलता और लगन के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ावों का दृढ़ता से सामना करें और अपने कार्यों में दक्षता हासिल करें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण के साथ-साथ 120 एकड़ परिसर में आवागमन को सुगम और प्रदूषण रहित बनाने के लिए ई-कार्ट सुविधा का शुभारम्भ तथा छह नए भवनों का लोकार्पण भी किया। उन्होंने दीक्षान्त में आए राजकीय स्कूल के विद्यार्थियों को पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री का वितरण भी किया। उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन ‘‘जल संवर्द्धन‘‘ के साथ किया। उन्होंने मटकी में जलधारा प्रवाहित कर जल संरक्षण का संदेश दिया। समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों को भावी जीवन में देश के लिए अपना योगदान देने और लोकहित कार्यों से जुड़कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने सभी उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को आगामी जीवन की शुभकामनाएं दीं .समारोह में मुख्य अतिथि अध्यक्ष शासी निकाय, राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, प्रो प्रदीप कुमार जोशी ने अपने अनुभवों को विद्यार्थियों से साझा करते हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं. कुलपति प्रो अखिलेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।