Home पालिटिक्स Total Samachar….. 2022 यूपी विधानसभा चुनाव, बीजेपी के सियासी संग्राम की शुरुआत।

Total Samachar….. 2022 यूपी विधानसभा चुनाव, बीजेपी के सियासी संग्राम की शुरुआत।

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संजीव रत्न मिश्रा, वरिष्ठ संवाददाता, वाराणसी.

बंगाल मे हार का सामना करने और कोरोना महामारी की दूसरी लहर का उफान थमने के बाद बीजेपी युपी में अगले वर्ष होने वाले चुनाव मे वोटों का ध्रुवीकरण रोकने के साथ विपक्ष के परंपरागत वोटों मे सेंध लगाने के लिये उठा पठक शुरू कर दिया है। 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के महीनों पहले बीजेपी के सियासी संग्राम की शुरुआत करते हुए BJP संगठन महासचिव बी एल संतोष की बैठकों ने राजनीति गर्माहट बंढा दी। इस चुनाव में कौन बीजेपी के ल‍िए खतरा साबित होगा? कौन सहायक? का खेल शुरू हो चुका है।

बीजेपी ने जिस तरह से गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अफसर यूपी के मऊ जिले के रहने वाले अरविंद कुमार शर्मा का रिटायरमेंट साल 2022 के पहले ही अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्त दिलाकर विधान परिषद सदस्य बनाकर सभी को चौंका दिया था। अरविंद कुमार शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अति विश्वसनीय अधिकारियों में से एक रहे हैं।सियासी गलियारे में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चानुसार शर्मा को योगी सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है.

उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अनूप चंद्र पांडेय को मंगलवार को अचानक निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया जाना भी चर्चा का विषय बना है। उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी रह चुके 1984 बैच के सेवानिवृत आईएएस अनूप चंद्र पांडेय 37 वर्षों तक यूपी में अलग अलग पदों पर रहे। 29 अगस्त 2019 को वह यूपी के मुख्‍य सचिव पद से रिटायर हुए थे। वह उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास विभाग में आयुक्त के रूप में सेवा दे चुके हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के रूप में सुनील अरोड़ा का कार्यकाल 12 अप्रैल को ही पूरा हो गया था।

और अब कांग्रेस के जितिन हुये भाजपाई

लंबे समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा नेता जितिन प्रसाद ने भी बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद ने वर्ष 2000 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में बगावत करते हुए सोनिया गांधी के खिलाफ उतरे थे। अब 21 साल बाद उनके बेटे ने कांग्रेस को करारा झटका दिया है। कांग्रेस के टॉप ब्राह्मण नेताओं में 47 वर्षीय जितिन प्रसाद यूपीए के 10 साल के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे और वर्ष 2004 एवं वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले जितिन प्रसाद ने ऐसे वक्त में बीजेपी का दामन थामा है, जब अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं।

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