लॉकडाउन: शादी के बाद बारातियों संग ससुराल में 45 दिन से फंसा है दूल्हा, लड़की वालों के लिए मुसीबत बने मेहमान।
कोरोना क्या आया अपने साथ अनोखे अनोखे तरह की मुसीबत साथ लाया… वो ऐसी मुसीबत जो कि कभी हम लोगों ने सपनों में भी नही सोचा होगा। कुछ ऐसी ही मुसीबत बेगुसराय के एक परिवार पर आ पड़ी हैं। बेगुसराय के इस परिवार ने अपनी लड़की के हाथ पीले करने के लिये अपने यहां बारात बुलाई लेकिन अब यही बारात लड़की के घर वालों के लिये मुसिबत बन गई हैं। अब आप सोच रहे होगें कैसे… बारात वो भी वधु पक्ष के लिये मुसिबत… तो आइयेहम आपको बताते हैं कि ये बारात कैसे वधु पक्ष के लिये मुसिबत बन गई हैं।
दरसल उत्तर प्रदेश में कानपुर के एक लड़के ने बिहार के बेगुसराय की एक लड़की से शादी रचाई और इसके बाद करीब डेढ़ महीने बीत गए, लेकिन वह अपनी पत्नी को लेकर अपने घर नहीं लौट सका। देशव्यापी लॉकडाउन फिलहाल अपने तीसरे चरण में है, जिसके चलते दूल्हा, बारातियों के साथ बिहार में अपने ससुराल में ही फंसा हुआ है।
इतने दिनों तक रहने के बाद अब बेटी वालों के लिए मेहमान ही मुसीबत बनते जा रहे हैं, क्योंकि इस कोरोना संकट और लॉकडाउन में उनके खाने-पीने का भी इंतजाम उन्हें करना होता है।कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन व प्रतिबंधों के चलते दूल्हा व बाराती सभी करीब 45 दिन से लड़की वालों के यहां रह रहे हैं, ऐसे में लड़की के परिवारवालों पर भी अब इतने लोगों के देखभाल का दबाव बनता जा रहा है।
कानपुर के चौबेपुर गांव के रहने वाले इम्तियाज ने 21 मार्च को बेगुसराय के खुशबू से शादी की थी। इसके ठीक एक दिन बाद यानि कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया और इसके बाद लॉकडाउन लगा दिया गया, जिसके चलते 12 बारातियों सहित दूल्हा अपने घर को नहीं लौट सका। दूल्हे की बहन आफरीन, जो फिलहाल चौबेपुर में अपने घर पर है, ने कहा, ‘बारात अभी तक नहीं लौटी है और हम लोग परेशान हैं। हम समझ सकते हैं कि दुल्हन के परिवार के लिए इतने लंबे समय तक इतने सारे लोगों को खाना खिलाना कितना मुश्किल हो रहा होगा।’ इम्तियाज ने कहा कि उसने स्थानीय अधिकारियों के पास अपना नाम दर्ज करा लिया है और दुल्हन के साथ अब अपने घर लौटना चाह रहा है।