मनोज राजपूत, गुजरात
- 13 को विधानसभा, फिर एआईसीसी पर धरना देंगे पत्रकार
- 571 आवंटी पत्रकारों की सभा में आंदोलन तेज करने का ऐलान
जयपुर। पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के 571 आवंटी पत्रकार 10 साल पहले आवंटित हो चुके प्लॉटों के पट्टे जारी करने की मांग को लेकर 13 मार्च को विधानसभा पर धरना देंगे। इसके बाद दिल्ली जाकर एआईसीसी के बाहर भी धरना दिया जाएगा। इससे पहले 5 मार्च को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का घेराव भी करेंगे।
चलो नायला संगठन के आह्वान पर आवंटी पत्रकारों की शुक्रवार को यहां सेंट्रल पार्क में हुई सभा में आंदोलन तेज करने का निर्णय किया गया। सभा में विभिन्न संस्थानों के पत्रकारों ने 571 आवंटी पत्रकारों के साथ आंदोलन में उतरने का भी भरोसा दिलाया। लगातार 5 माह से शांतिपूर्ण आंदोलन और 41 दिन तक रोजाना मुख्यमंत्री निवास पर जाने के बाद भी सुध नहीं लेने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ पत्रकारों ने रोष प्रकट किया। सभा में आगामी आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए सभी पत्रकारों को साथ लेकर अन्य जिलों के पत्रकारों से भी नायला आंदोलन में सहयोग का आग्रह किया गया। इसके लिए चलो नायला संगठन की सम्पर्क कमेटी का गठन किया गया, जो मुख्यमंत्री के अन्य जिलों के कार्यक्रमों और पत्रकार वार्ताओं में स्थानीय पत्रकारों को साथ लेकर 571 आवंटियों के सवाल उठाएगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि आवंटी पत्रकार इस विषय में नेता प्रतिपक्ष, विभिन्न राजनीतिक दलों और विधायकों से सम्पर्क करेंगे और उनसे समर्थन पत्र लिखवाकर मुख्यमंत्री को भिजवाएंगे। 6 मार्च को मुख्यमंत्री निवास पर पत्र देकर आंदोलन की सूचना भी भेजी जाएगी।
चलो नायला संगठन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के पत्रकारों से नहीं मिलने पर रोष जताते हुए कहा कि सरकार की पत्रकारों के लिए संवेदनशीलता नजर नहीं आती। मुख्यमंत्री प्रदेश भर में पत्रकारों को रियायती दर पर भूखंड देने की बात तो करते हैं, लेकिन अभी तक इसके सर्कुलर तक जारी नहीं किए जा सके हैं। मुख्यमंत्री के अनेक आश्वासनों के बाद भी साल 2013 की अपनी ही सरकार योजना पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के 571 आवंटी पत्रकारों के साथ भी न्याय नहीं किया जा रहा है। तत्कालीन जेडीए की छोटी सी लिपिकीय त्रुटि, जिसे खुद जेडीए और सरकार ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में स्वीकार किया है, का खामियाजा 571 निर्दोष आवंटी पत्रकारों और उनके परिवार को 10 साल से उठाना पड़ रहा है। आवंटी पत्रकारों ने साफ कहा कि ये आवंटित प्लॉट उनके परिवार और बच्चों का भविष्य है, इसे किसी को छीनने नहीं देंगे। इसके लिए विधानसभा पर धरने के बाद सभी 571 पत्रकार दिल्ली जाएंगे और एआईसीसी पर धरना देकर कांग्रेस आलाकमान को भी राजस्थान में पत्रकारों के साथ हो रहे अन्याय से अवगत कराएंगे। आवंटी पत्रकारों का कहना था कि दो माह से मिलने के लिए अनुनय विनय कर रहे पत्रकारों से मुख्यमंत्रीजी यदि यही चाहते हैं कि धरने, प्रदर्शन जैसे कदम उठाएं तो ये ही सही। अपने अधिकारों के लिए वे इससे भी पीछे नहीं हटेंगे।
एकजुटता नहीं होने की बात पर तीखी नाराजगी जताते हुए सभा में पत्रकारों ने कहा कि सभी पत्रकार एक हैं। 571 आवंटी पत्रकारों के आवंटित प्लॉटों के लिए अन्य पत्रकार भी साथ हैं और प्लॉट से वंचित पत्रकारों की नई आवास योजना के लिए 571 आवंटी पत्रकार भी उनके साथ हैं। पत्रकारों में फूट डालने का प्रयास भी अब सफल नहीं होने देंगे। आवंटियों ने सभी सीनियर, जूनियर पत्रकारों का आह्वान किया कि अपने अधिकारों और मांगों के लिए 13 मार्च को विधानसभा पहुंचकर सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाएं।